
गाजियाबाद. दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन 38वें दिन भी जारी है। कृषि कानून रद्द करने की मांग पर किसान अड़े हुए हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर किसान और समाजसेवी बाबा कश्मीर सिंह ने सरकार की गलत नीतियों एवं तीन काले कानूनों को वापस ना लिए जाने पर फांसी लगाकर अत्महत्या कर ली है। (विनीत प्रताप सिंह / अभय जैन की रिपोर्ट)
बाबा कश्मीर सिंह जिला- रामपुर के पसियापुर के रहने वाले थे। उन्होंने अपने सुसाइड नोट (खत) में साफ-साफ लिखा है कि इस आंदोलन में किसानों की खाने पीने का इंतजाम लंगरों द्वारा किया जा रहा है जिसमें हमारे किसानों को खाने पीने की कोई दिक्कत नहीं हो रही है।

मेरा और हमारे देश के शहीद किसानों का बलिदान हिंदुस्तान हमेशा याद करेगा। किसान नेताओं के मंच के संचालक मलूक सिंह सरदार ने बताया कि हम अपने किसानों की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। सरकार को ये काले कृषि कानून वापस करने होंगे, जब तक सरकार इन तीन कृषि कानूनों को वापस नहीं करेगी तब तक हम किसान इन सड़कों पर ही जमे रहेंगे।
संचालक मलूक सिंह सरदार ने बाबा कश्मीर सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि हमारी संवेदनाएं बाबा कश्मीर सिंह के साथ और उन सभी किसानों के परिवारों के साथ हैं। जिन्होंने अपनी जान का बलिदान इस आंदोलन के दौरान दिया है।