- लापरवाही स्वीकार्य नहीं, जवाबदेही सबकी
- गलतियों पर अभियंताओं ने मांगी माफी, कहा करेंगे सुधार
लखनऊ। योगी सरकार की तरफ से उत्तर प्रदेश में फैले भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ जारी जीरो टॉलरेंस नीति के चलते अबतक 2100 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इनमें कई दोषियों को जेल भी भेजा जा चुका है।
इसीक्रम में मंगलवार को उप्र पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित विद्युत व्यवस्था में सुधार के उपाय विषयक सम्मेलन में प्रदेश सरकार के ऊर्जा व अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री पं. श्रीकांत शर्मा ने कहा कि उपभोक्ता सेवाओं में छल करने वाले लापरवाह सरकार की रडार पर हैं। लापरवाही पर सबकी जवाबदेही तय होगी। उपभोक्ताओ से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ स्वीकार्य नहीं होगा। हमारी सरकार उपभोक्ता देवो भवः की नीति पर चल रही है।
कारपोरेशन को भी इसी नीति के हिसाब से ही चलना होगा। सभी अभियंताओं अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन ईमानदारी से करें। अभियंता उपभोक्ताओं के हितों के रक्षक हैं, उपकेंद्र के चौकीदार हैं। उन्हें एक-एक चीज का हिसाब रखना होगा। ऊर्जा विभाग 90 हजार करोड़ के घाटे में है।
आज जरूरत है तो इसे आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने की। विभाग आर्थिक रूप से स्वावलंबी होगा तो सबसे ज्यादा लाभ उपभोक्ताओं और विभाग को ही मिलेगा। हमने उपभोक्ता सेवाओं को ध्यान में रखते हुए इस स्मार्ट मीटर की नई सुविधा को शुरू किया। इससे सभी उपभोक्ताओं को सहूलियत मिलेगी।
इससे सबको समय पर व सही बिल मिलेगा। वही कार्यक्रम में अभियंताओं ने घाटे को लेकर हुई लापरवाहियों पर माफी भी मांगी और शपथ ली कि उपभोक्ता सेवाओं में सुधार के साथ, अपने आचरण और व्यवहार को ठीक रखते हुए विभाग को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य करेंगे।