- यूपी के हुनरमंद कारीगरों के हुनर से सजी हुनर हाट
- ओडीओपी के तहत महज 12 दिनों में बिके डेढ़ करोड़ से अधिक के उत्पाद
- ओडीओपी योजना बनी शिल्पियों के लिए वरदान, जनपदों को मिली विशिष्टत पहचान
- योगी सरकार की नीतियों से खिल उठा व्यापार, कोरोना काल के बाद भी खूब बिके ओडीओपी उत्पाद
लखनऊ। राजधानी के अवध शिल्पग्राम में लगे देसी कलाकारों तथा शिल्पियों के लिए हुनर हाट वरदान साबित हो रही है। हुनर हाट के जरिए प्रदेश समेत दूसरे राज्यों के 500 से अधिक कारीगरों और शिल्पकारों को कोरोना संकट के बाद भी योगी सरकार ने उनको उचित मंच देकर उनके चेहरों पर आशा की मुस्कान बिखेरी है। गौरतलब है कि गीत-संगीत, कला-संस्कृरति, विरासत व उत्तर प्रदेश के हुनरमंद कारीगरों के हुनर से सजी हुनर हाट अवधवासियों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।
नवाबों की नगरी लखनऊ में ‘वोकल फॉर लोकल’ की थीम पर आयोजित होने वाले ‘हुनर हाट’ में 75 जिलों के बेहतरीन कारीगर और शिल्पंकार अपने हुनर से सभी का दिल जीत रहे हैं। इसका ही परिणाम है कि महज 12 दिनों में ओडीओडीपी स्टॉलों पर लगभग एक करोड़ 45 लाख से अधिक की बिक्री हो चुकी है। हुनर हाट के जरिए प्रदेश समेत दूसरे राज्योंट के 500 से अधिक कारीगरों और शिल्पकारों को कोरोना संकट के बाद भी योगी सरकार ने उनको उचित मंच देकर उनके चेहरों प आशा की मुस्कारन बिखेरी है।
प्रदेश के कारीगरों और शिल्पकारों को बढ़ावा देने के उद्देश्यै से अवध शिल्पग्राम में यूपी की संस्कृ ति और विरासत को समेटे हुनर हाट में एक तरफ जहां आंध्र प्रदेश के सुनहरी साड़ी दमक रही है वहीं हाथरस की हींग अपनी खुशबू से सबका ध्यान खींच रही है। बनारस का सिल्क हो या लखनऊ की चिकनकारी, एटा के घुंघरूं हो या पीलीभीत की बांसुरी, बरेली के झुमके हो या अलीगढ़ के ताले… अनेकता में एकता की झलक लिए हुनर हाट से अवध की शाम में चार चांद लगे हैं।
ब्रिक्री से खिले महिला कारीगरों के चेहरे
‘सबका साथ सबका विकास’, ‘वोकल फॉर लोकल’, ’मिशन रोजगार’ व ‘मिशन शक्ति’ की मुहिम के बाद ओडीओपी योजना के तहत जनपदीय उत्पा दों में जनपदों के परंपरागत परिधानों, कला व उत्पालदों को बनाने वाली महिला कारीगरों को भी पहचान मिली है। हुनर हाट में देशभर के शिल्पकार, दस्तकार व कारीगरों के स्वदेशी उत्पाद, जड़ी-बूटियों व मसाल के स्टॉल सजे हैं। इनमें कन्नौज का इत्र, फिरोजाबाद के कांच, लखनऊ की चिकनकारी व जरदोजी, भदोही के कालीन, बुलंदशहर के सिरामिक्स, कासगंज की जरदोजी, अमेठी के मूंज के उत्पाद, मऊ व मुरादाबाद के धातु के आइटम, अमरोहा के वाद्य यंत्र, सहारनपुर के काष्ठ के उत्पाद, वाराणसी के रेशम, अयोध्या के गुड़ के आइटम, अलीगढ़ के तालों के स्टॉल लगे हैं। इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों के मूंज, ब्लैाक पॉटरी, गेहूं के डंठल से बनी दरी, पेंटिंग, कालीन की जमकर लोग खरदारी कर रहे हैं।
प्लास्टिक मुक्ति की ओर बढ़ रहा प्रदेश”
पारंपरिक स्वलदेशी इकोफ्रेंडली उत्पादों के जरिए उत्तर प्रदेश प्ला,स्टिक मुक्ती प्रदेश की ओर तेजी से बढ़ रहा हैं। जिसके तहत एक ओर जहां स्टॉ लों पर प्लास्टिक की जगह जूट के बैग, कुल्हुड़, मूंज के उत्पाजद मिल रहे हैं वहीं दूसरी ओर हर्बल औषधीय गुरों से युक्तप उत्पा्द जैसे शहद, आंवले के बने उत्पालदों को लोग जमकर खरीद रहें हैं।
ओडीओपी योजना से मिली नई पहचान
ओडीओपी योजना के तहत 75 जनपदों के पांरपरिक उत्पा दों को नई पहचान मिल रही है हुनर हाट के स्टॉ ल पर लोगों की भीड़ उमड़ रही है। विभिन्न जनपदों से आए कारीगरों ने कहा कि मुख्य मंत्री योगी आदित्यहनाथ ने जनपदों के उत्पा दों को पहचान दिलाने संग हम लोगों को बिक्री करने का उचित मंच भी प्रदान किया है। लखीमपुरखीरी की आरती का कहना है कि पहले हम लोगों को अपने उत्पाभदों की बिक्री करने में काफी जद्दोजहद करनी पड़ती थी पर अब ओडीओपी योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को आगे बढ़ाने का काम योगी सरकार ने किया है। आजमगढ़ की सरिता ने बताया कि ब्लै क पॉटरी को विशेष पहचान दिलाकर हम जैसे कारीगरों के चेहरों पर सुख की मुस्कान योगी सरकार ने बिखेरी है। इससे हमारे सपनो को पंख लग गए है।