अयोध्या – सोमवार को सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड को इलहाबाद उच्चन्यायालय से बड़ी राहत मिली। दरअसल अयोध्या में बनने वाली मस्ज़िद की जमीन पर दावा करने वाली महिलाओं की याचिका सोमवार को खरिज हो गई। सुनवाई के दौरान जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस मनीष कुमार की बेंच ने मामले को खारिज कर दिया। इसके साथ ही धन्नीपुर में बनने वाली मस्ज़िद का रास्ता साफ हो गया है।
बता दें कि अयोध्या के धन्नीपुर में सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड को मस्ज़िद निर्माण के लिए 5 एकड़ ज़मीन दी गई थी। जिन पर दिल्ली की रहने वाली दो महिलाओं ने दावा किया था कि प्रशासन ने मस्जिद बनाने के लिए जो 5 एकड़ ज़मीन अलॉट की है, वो उनकी है। इस बाबत महिलाओं ने इलहाबाद उच्चन्यायालय में याचिका दायर की थी।
सरकारी वकील रमेश कुमार सिंह ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जिस जमीन पर दावा किया गया है, उसका नम्बर महिलाओं की जमीन से अलग है। वही कोर्ट में दावा करने वाली महिलाओं के वकील ने कहा कि बिना तथ्यों की जांच किये जल्दबाजी में ये अर्ज़ी डाली गई है। इसको आधार मानते हुए कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी।
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या की सीमा के भीतर 5 एकड़ जमीन सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड को देने का आदेश दिया था। इसी आदेश के तहत पिछले साल अयोध्या प्रशासन ने रौनाही क्षेत्र के धन्नीपुर गांव में वक्फ बोर्ड को 5 एकडं जमीन अलॉट की थी। इसके बाद दिल्ली की दो महिलाओं ने इस जमीन पर अपना दावा पेश करते हुए हाईकोर्ट में अर्जी डाली थी।