लखनऊ। राजधानी में 39 दिन पहले हुए पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड का मुख्य आरोपी शूटर गिरधारी रविवार रात तकरीबन 3 से 4 के बीच पुलिस की गोलियों का शिकार हो गया। पुलिस के मुताबिक गिरधारी पुलिस अभिरक्षा से भागने की कोशिश कर रहा था जिसमें उसने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया जवाबी कार्रवाई में पुलिस कर्मियों ने फायरिंग की और दुर्दांत अपराधी गिरधारी मारा गया।
पुलिस असलहे की बरामदगी के लिए उसे गोमतीनगर में सहारा हॉस्पिटल के पीछे ले गई थी। लेकिन उसने इंस्पेक्टर पर हमला कर पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। पुलिस टीम ने पीछा किया तो उसने फायरिंग की। इस दौरान जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। 11 फरवरी को दिल्ली से हुआ था गिरफ्तार मंगलवार को खत्म होने वाली थी रिमांड।
गिरधारी को चार दिन पहले 11 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने एक मॉल से गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस के आउटर नॉर्थ जिले की स्पेशल स्टाफ पुलिस ने रोहिणी इलाके से की थी। पुलिस ने उसके पास से 9 एमएम की एक पिस्टल भी बरामद की थी।
गिरधारी को दिल्ली से लखनऊ की जेल में शिफ्ट किया गया था। लखनऊ पुलिस को सी जे एम कोर्ट से 3 दिन की कस्टडी रिमांड पूछताछ के लिए मिली थी। गिरधारी 13 फरवरी से 16 फरवरी तक 3 दिन की पुलिस रिमांड पर लखनऊ पुलिस की कस्टडी में था।
असलहा बरामद कराने गई पुलिस टीम पर हमला कर भाग रहा था गिरधारी
संयुक्त पुलिस आयुक्त क्राइम नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि गिरधारी विश्वकर्मा को हत्या में प्रयुक्त असलहा की बरामदगी लिए रविवार की रात करीब दो से ढाई बजे के बीच गोमतीनगर के विनीत खंड में सहारा हॉस्पिटल के पीछे ले जाया जा रहा था।
खरगापुर क्रॉसिंग के पास पुलिस टीम ने गाड़ी रोकी। तभी उप निरीक्षक अख्तर उस्मानी गाड़ी से अपने साइड से गिरधारी को उतार रहे थे। तभी गिरधारी ने एसआई अख्तर उस्मानी के नाक पर अपने सिर से वार किया जिससे अख्तर उस्मानी गिर गए। इसके बाद गिरधारी उनकी पिस्टल लेकर भागने लगा।
यह देख वरिष्ठ उप निरीक्षक अनिल सिंह ने पीछा किया तो गिरधारी उनके ऊपर फायर करता हुआ झाड़ियों में भाग गया।