लखनऊ। सपा प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि किसान महंगाई और अपनी फसल का दाम न मिलने से दोहरी मार झेल रहा है। भाजपा इस मामले में पूर्णतया संवेदन शून्य है। किसान को उम्मीद थी उसको भाजपा नेताओं के वादो के अनुसार फसल की लागत का डयोढ़ा मूल्य मिल जाएगा और उसकी आय दुगुनी भी हो जायेगी।
उसने भी सपना देखा था कि अब वह भी खुशहाल जिंदगी जिएगा। लेकिन धोखाबाजी की सरकार के मुखिया अधूरे वादों के साथ जनता के बीच असत्य बयानबाजी में व्यस्त है। 4 साल में गन्ने के दाम एक रूपया भी न बढ़ाने वाली भाजपा सरकार के चार दिन ही बचे है। किसान धोखे का जवाब अपने वोट से देगें। चालू सीजन में भी गन्ने की सामान्य, अगेती व अस्वीकृत प्रजाति का मूल्य क्रमशः 315,325 और 310 रूपए क्विंटल ही रहेगा।
अखिलेश ने कहा कि गन्ना किसान कितनी बदहाली में जी रहा है इससे स्पष्ट है कि इस समय चीनी मिलों पर प्रतिदिन 2 करोड़ रूपया बकाया हो रहा है। 14 दिन के बाद किसान की अवशेष राशि बकाया श्रेणी में आ जाती है। अब तक प्रदेश में गन्ना किसानों का लगभग 10,174 करोड़ रूपये का बकाया हो चुका है।
इसके साथ कानूनी तौर पर ब्याज देय होता है, जो नहीं दिया जा रहा है। परेशान गन्ना किसान आत्महत्या को मजबूर हो जाता है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की जब 2012 सरकार बनी थी तब शुरूआत में ही एक मुश्त गन्ने की राज्य परामर्श कीमत में 40 रूपये की वृृद्धि की गई थी।
समाजवादी सरकार ने किसानो की कर्जमाफी के साथ मुफ्त सिंचाई सुविधा दी थी। किसानों के लिए पेंशन तथा फसल बीमा की भी व्यवस्था की गई थी। समाजवादी सरकार की कृषिपरक नीतियों को भाजपा ने बर्बाद कर दिया है।