बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा की जाती है. यह पर्व मां सरस्वती जी को समर्पित है. हिंदू धर्म में मां सरस्वती को ज्ञान की देवी माना गया है. शास्त्रों में ज्ञान को ऐसा प्रकाश बताया है जो हर प्रकार के अंधकार को दूर करने की क्षमता रखता है.
बसंत पंचमी के दिन शुभ कार्य किए जाते हैं. इस दिन को विद्या आरंभ के लिए सबसे उत्तम माना गया है. बसंत पंचमी का पर्व इस बार विशेष है. इस वर्ष वसंत पंचमी पर दो विशेष योग का निर्माण हो रहा है.
वहीं ग्रहों की चाल भी इस दिन को उत्तम बनाने में सहयोग कर रहे हैं. पंचांग के अनुसार इस दिन अमृत सिद्धि योग और रवि योग का संयोग बनने जा रहा है. जो इस पर्व के महत्व को और भी अधिक बढ़ाता है.
वहीं इस बार बसंत पंचमी पर रेवती नक्षत्र रहेगा. जो कि बुध का नक्षत्र माना जाता है. बसंत पंचमी पर पीले रंग का विशेष महत्व माना गया है. पीले रंग को उत्साह और उल्लास का रंग माना गया है. बसंत ऋतु में सभी ऋतुओं में विशेष माना गया है. ऐसा माना जाता है कि बसंत ऋतु में धरती की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होती है.
सरसों के फसल से धरती पीली नजर आने लगती है. जो लोगों को आनंद प्रदान करती है. इसीलिए बसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा भी माना गया है. सही मायने में बसंत पंचमी प्रकृति का उत्सव है. पीले रंग के प्रयोग से दिमाग की सक्रियता बढ़ती है.
इसलिए इस दिन पीले रंग का विशेष महत्व माना गया है.इस दिन मां सरस्वती की पूजा विधि पूर्वक करनी चाहिए और मां को वाद्य यंत्र और पुस्तके आदि अर्पित करनी चाहिए.