नई दिल्ली। आज विश्व वन्यजीव दिवस है। यह प्रतिवर्ष 03 मार्च को दुनिया के सभी देशों में मनाया जाता है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर के वन्य जीवों एवं वनस्पतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उनके संरक्षण के लिए लोगों को बताना है।
1872 में पारित हुआ था एक्टः
20 दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने 68वें अधिवेशन में वन्यजीव की सुरक्षा के प्रति लोग को जागरूक करने एव वनस्पति के लुप्तप्राय प्रजाति के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए 3 मार्च को प्रतिवर्ष विश्व वन्यजीव दिवस मनाने की घोषणा की थी। वन्य जीवों को विलुप्त होने से रोकने हेतु सर्वप्रथम साल 1872 में जंगली हाथी संरक्षण अधिनियम (वाइल्ड एलीफेंट प्रिजर्वेशन एक्ट) पारित हुआ था।
जागरुकता है उद्देश्यः
विश्व वन्यजीव दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य विश्वभर में वन्यजीवों की सुरक्षा तथा वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के प्रति लोगों को जागरूक करना है। पूरे विश्व के सभी देशों के साथ इस दिन भारत में भी वन्य जीवों हेतु जागरूकता फैलाई जाती है और प्रकृति और मानव के संबंधों को दर्शाया जाता है.
साल 2021 की थीमः
इन प्रजातियों के संरक्षण और निरंतर प्रबंधन और भविष्य की पहलों के लिए प्रतिवर्ष लोगों को अलग-अलग थीम के माध्यम से प्रकृति से विलुप्त हो रहे जीव, प्रजातियों और प्राकृतिक वस्तुओं का संरक्षण करने हेतु जागरूक किया जाता है। इस साल की वन्य जीव दिवस थीम है, ‘वन और आजीविका: लोग और ग्रह को बनाये रखना’ है। इस ग्रह अर्थात पृथ्वी को जीवंत बनाये रखने के लिए मनुष्यों के साथ-साथ बेजुबान पशु-पक्षी और पेड़-पौधों का रहना अत्यंत आवश्यक है।
करें प्राकृतिक वैभव की रक्षाः
आज जीव जंतुओं तथा पेड़ पौधों की कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं। इसलिए, पारिस्थितिक तंत्र के प्राकृतिक वैभव की रक्षा करना और पृथ्वी पर प्रत्येक जीवित प्राणी के साथ सह-अस्तित्व की एक प्रणाली विकसित करना हमारा तत्काल कर्तव्य है।