विदेशी रिपोर्टों में वैश्विक स्तर पर भारत की छवि को किया जाने लगा धूमिल
भारतीय थिंक टैंक के आधार पर ग्लोबल प्रेस फ्रीडम इंडेक्स लाने की तैयारी
नई दिल्ली। अब भारत भी अपने थिंक टैंक के जरिए दुनिया को यह बताएगा कि किस देश में कितना लोकतंत्र है। साथ ही भारत उन रिपोर्टों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है जिनमें भारत को कम आंका जाता है या उसकी छवि खराब की जाती है। विदेश मंत्रालय द्वारा स्वतंत्र भारतीय थिंक टैंक के आधार पर वर्ल्ड डेमोक्रेसी रिपोर्ट और ग्लोबल प्रेस फ्रीडम इंडेक्स लाने की तैयारी की जा रही है। बता दें कि, फ्रीडम हाउस और वी-डेम इंस्टीट्यूट की हाल ही में रिपोर्ट आई है, जिसमें भारत की लोकतांत्रिक रैंकिंग में गिरावट आई है।
विश्व लोकतंत्र रिपोर्ट लाने की तैयारी
इस साल के प्रारंभ में विदेश मंत्रालय ने जो आंतरिक नोट तैयार किया है उसमें कहा गया है कि, ‘हम भारतीय स्वतंत्र थिंक टैंकों को प्रोत्साहित कर सकते हैं कि वे व्यापक मापदंडों के साथ-साथ प्रेस इंडेक्स की वार्षिक वैश्विक स्वतंत्रता के आधार पर अपनी वार्षिक विश्व लोकतंत्र रिपोर्ट तैयार करें।’ बता दें कि इस मामलें में विदेश मंत्रालय ने कोई जवाब नहीं दिया है। हालांकि, इतना तय है कि इस मामले पर विचार किया जा रहा है।
स्वयं के मापदंडों को करेंगे परिभाषित
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने इस मामले में कहा कि पिछले साल नवंबर 2020 में इस पर चर्चा तब शुरू की, जब ए. सूर्य प्रकाश के पत्र में सुझाव दिया गया कि, भारत को लोकतंत्र पर अपने स्वयं के मापदंडों को परिभाषित करना चाहिएं। ताकि, स्वीडन स्थित वी-डेम इंस्टीट्यूट और प्रेस फ्रीडम इंडेक्स की रिपोर्ट को काउंटर किया जा सके।
भारत की तुर्की से तुलना
दरअसल, स्वीडन के वी-डेम इंस्टीट्यूट की डेमोक्रेसी रिपोर्ट में कहा गया कि, ‘भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र से चुनावी ‘तानाशाह’ वाले देश में बदल गया है।’ इस रिपोर्ट में भारत की तुलना को हंगरी और तुर्की के साथ की गई और यह भी कहा गया कि भारत देश में लोकतंत्र के बहुत से पहलुओं पर प्रतिबंध लग चुका है। जवाब में बीते दिनों सरकार ने फ्रीडम हाउस की इस रिपोर्ट को ‘भ्रामक, गलत और अनुचित’ करार दिया है।