फर्जी पते पर रजिस्टर्ड की गई एम्बुलेन्स
बाराबंकी। यूपी के गैंग्स्टर और पंजाब में पनाह लिये कुख्यात अपराधी मुख्तार अंसारी की कोर्ट में पेशी के दौरान चर्चा में आई बाराबंकी के नम्बर की एम्बुलेंस का राजफाश होने लगा है। यूपी पुलिस और परिवहन विभाग ने शिकंजा कसना भी शुरू कर दिया है। गुरुवार की देर रात बाराबंकी के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी पंकज सिंह ने अस्पताल की संचालिका डा. अलका राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया है।
बिना फिटनेस, इंश्योरेन्स संचालन जारी
एआरटीओ (प्रशासन) पंकज सिंह ने बताया कि 21 दिसंबर 2013 को इसका पंजीकरण डॉ अलका राय निवासी 56, रफीनगर के पते पर तत्कालीन पंजीयन अधिकारी ने किया था। वर्ष 2013 में राजेश्वर यादव बाराबंकी के एआरटीओ (प्रशासन) थे। इसका संचालन श्याम संजीवनी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, जीटी मऊ 2/5101 से किए जाने का प्रपत्र भी प्रस्तुत किया गया था। एक अप्रैल को एम्बुलेंस का संचालन बिना फिटनेस वैधता और इंश्योरेन्स के किए जाने की जानकारी मिली।
किसी को नहीं पता, कौन अलका राय
उन्होंने इस संबंध में एक अप्रैल को एसडीएम नवाबगंज का पत्र मिलने की बात कही है, जिसमें पंजीयन के वक्त प्रस्तुत निर्वाचन कार्ड फर्जी और जालसाजी कर बनाए जाने की आशंका जताई गई है। अंकित पते के स्थलीय सत्यापन में रफीनगर में 56 नम्बर का कोई मकान ही नहीं मिला, जबकि अभयनगर में इस नम्बर के मकान में एक परिवार के वर्षों से रहने की पुष्टि हुई। क्षेत्रीय सभासद और अन्य स्थानीय लोगों ने भी अस्पताल या डॉ अलका राय के यहां निवास करने की पुष्टि अपने बयान में नहीं की है।
2016 में आखिरी बार हुई थी फिटनेस
पंजाब की रोपड़ जेल से मोहाली कोर्ट में मुख्तार अंसारी को जिस एंबुलेंस से लाया गया, वह बाराबंकी एआरटीओ में पंजीकृत है। चर्चा में बनी यूपी 41 एटी 7171 एंबुलेंस का 21 दिसंबर 2013 को श्याम संजीवनी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के नाम पर पंजीकरण कराया गया था। इसकी फिटनेस वैधता 31 जनवरी, 2017 को और इंश्योरेंस दस जनवरी 2017 को समाप्त हो चुका है। 23 जनवरी 2020 को संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय से (जिस पते पर एम्बुलेंस का पंजीयन कराया गया था) नोटिस भेजे जाने की बात कही जा रही है। हैरत की बात है कि नोटिस दिए जाने के बाद विभाग ने इस पर कोई कार्रवाई करने की जरूरत नहीं समझी। आखिरी बार इस एंबुलेंस को जनवरी 2016 में एआरटीओ आफिस फिटनेस के लिए लाया गया था।