लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना की रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों के लिए डब्ल्यूएचओ की सराहना के बीच यह वायरस नए रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है। केवल अप्रैल माह में ही यूपी में करीब 60 हजार नए लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं। शनिवार को रिकॉर्ड 12,787 लोग इसकी चपेट में आए व 48 लोगों ने जान गंवाई। हालात ऐसे हैं कि राजधानी लखनऊ, जहां सबसे ज्यादा स्थिति खराब है, वहां मरीजों को अस्पतालों में न बेड मिल पा रहे हैं, न मृतकों को श्मशान में जगह। बेकाबू हो रही स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में और पाबंदियां लगने वाली हैं, जैसे बड़ी सब्जी मंडियों में फुटकर विक्रेता की एंट्री पर अब पाबंदी लगाने का फैसला लिया जाने वाला है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दे दिए हैं कि जो कोई व्यक्ति मास्क नहीं लगाया है, उससे दुकानदार सामान नहीं देंगे।
48 की हुई मौत, राजधानी में आंकड़ा पंहुचा 4 हज़ार के पार
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भी लोग कोरोना से बेहाल हैं। शनिवार को रिकॉर्ड 4059 नए कोविड केस सामने आए। वहीं 23 की जान चली गई है। इनके सामने अस्पतालों में की व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है। केजीएमयू अस्पताल में मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं। जिसके कारण कई मरीज सुबह से शाम तक स्ट्रेचर पर पड़े हुए ही बेड मिलने का इंतजार कर रहे हैं। इसका असर कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों पर पड़ रहा है। तो वहीं, श्मशान घाटों पर लाशों के अंतिम संस्कार के लिए लोगों को टोकन लेकर 12-12 घंटे का लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। लखनऊ के बैकुंठ धाम व गुलाला घाट में इन दिनों 20-30 संक्रमित मृतकों का अंतिम संस्कार हो रहा है। पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ने सभी पुलिसकर्मियों के सख्त निर्देश दिए हैं कि यदि कोई भी वाहन चालक बिना मास्क के दिखे तो उसका चालान किया, हालांकि इस दौरान उसके साथ कोई बदसलूकी नहीं होनी चाहिए। वहीं जगह-जगह पुलिस को तैनात कोरोना लोगों को मास्क लगाने व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करें।