नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में एग्जिट पोल के अनुमानों और असली नतीजे आने के बीच की जो समय अवधि है। उसमें राजनीतिक दल अपने-अपने खेमो को मजबूत करने में लगे हुए है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस को भाजपा की तरफ से मतगणना प्रभावित करने की चिंता सता रही है, तो वही भाजपा को एग्जिट पोल अनुमानों से ज्यादा सीटें मिलने की उम्मीद है। हालांकि अंदरूनी तौर पर दोनों खेमे एक दूसरे के अंदर सेंध लगाने की भी कोशिश कर रहे है।
नतीजों पर सब की निगाहें
पश्चिम बंगाल के चुनाव प्रचार और भारी मतदान होने के बाद अब सभी की निगाहें इसी पर टिकी है कि नतीजें क्या होंगे। एग्जिट पोल के जो अनुमान आए है उसके बाद संकेत मिल रहे है कि मुकाबला कड़ा है। भाजपा व तृणमूल कांग्रेस दोनों ही सरकार बनाने के आसपास खड़े हैं लेकिन जीत का सेहरा किसके सिर सजेगा यह देखना दिलचस्प होगा।
मतगणना के दौरान सावधान रहने की नसीहत
मतदान के बाद की स्थिति की समीक्षा करने के लिए ममता बनर्जी ने वर्चुअल बैठक की है। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को मतगणना के दौरान सावधान रहने की नसीहत भी दी है और आशंका जताई कि गड़बड़ी भी हो सकती है।
उन्होंने कहा कि किसी को भी मतगणना केंद्र छोड़कर नहीं जाना है। हालांकि ममता बनर्जी का उत्तर बंगाल को लेकर दिया गया बयान महत्वपूर्ण है, उन्होंने कहा कि वहां पर पार्टी कुछ कमजोर रह सकती है।
भाजपा ने की प्लान-बी पर चर्चा
सूत्रों के अनुसार दूसरी तरफ भाजपा नतीजे आने के बाद की सभी तरह की स्थितियों के लिए भी तैयारी कर रही है जिसमें प्लान बी की चर्चा है। इसके तहत विरोधी खेमे के कुछ नेता जो चुनाव के पहले भाजपा के साथ आना चाहते थे लेकिन किसी कारण बस नहीं आ पाए थे, अब उसके साथ आ सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने पांच साल में तृणमूल कांग्रेस में सेंध लगा कर बार-बार कई झटके दिए हैं, वह नतीजे आने के बाद भी जारी रह सकते हैं। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करेगा कि किसके पक्ष में कितनी सीटें आती हैं।