नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख चौधरी अजित सिंह का 82 साल की उम्र में निधन हो गया है। आरएलडी प्रमुख चौधरी अजित सिंह 22 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुए थे। इसके बाद से ही उनके फेफड़े में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा था। मंगलवार रात अजित सिंह की तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी। इसके बाद उन्हें गुरुग्राम के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बेटे जयंत ने ट्वीट कर दी जानकारी
अजित सिंह के निधन की ख़बर उनके बेटे जयंत चौधरी ने ट्विटर पर दी। जयंत चौधरी ने ट्विटर पर एक संदेश पोस्ट किया है। इस संदेश में उन्होंने लिखा है, ”20 अप्रैल को चौधरी अजित सिंह कोविड संक्रमित पाए गए थे। उन्होंने आख़िरी दम तक कोरोना से लड़ा और 6 मई की सुबह आख़िरी सांस ली। अपने पूरे जीवन में चौधरी साहब ने प्यार और आदर ख़ूब कमाया.”
1986 में राज्यसभा सांसद के तौर पर की थी शुरुआत
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह का जन्म मेरठ में हुआ था। हालांकि उन्होंने अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत अपने पिता के बीमार होने पर 1986 में राज्य सभा सांसद के तौर पर की थी। चौधरी अजित सिंह बागपत से सात बार सांसद और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री रह चुके हैं। वे वीपी सिंह, नरसिम्हा राव, अटल बिहारी बाजपेयी और मनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे। उनके निधन के बाद बागपत समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शोक की लहर है। चौधरी अजित सिंह की गिनती बड़े जाट नेताओं में होती थी।
सात बार लोकसभा के लिए चुने गए
जनता दाल में महासचिव के तौर पर राजनीतिक शुरुआत करने वाले अजित सिंह ने 1999 लोकदल का गठन किया। वे पहली बार 1989 में बागपत से लोक सभा के लिए चुने गए। इसके बाद 2009 तक जितने भी चुनाव हुए अजित सिंह जीतते रहे। 2014 में उन्हें पहली बार हार का सामना करना पड़ा जब बीजेपी के सतपाल मालिक ने उन्हें हराया। इसके बाद उन्होंने 2019 में मुजफ्फरनगर से लोकसभा का चुनाव लड़ा। इस बार उन्हें बीजेपी के संजीव बालियान ने हराया।
परिवार की अपील
चौधरी अजित सिंह के परिवार की ओर से अपील की गई है कि लोगों से अपील की कि वो लोग कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए शोक संवेदना जताएं, ताकि सबकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।