नई दिल्ली। कोरोना के कहर के बीच, जहां एक तरफ़ राज्यों में वैक्सीन की किल्लत के चलते कई राज्यों ने वैक्सीन लगाना रोक दिया है और कई राज्यों में वैक्सीनेशन ड्राइव की रफ़्तार धीमी हो गई है , केंद्र का यह बयान सामने आया है कि अगस्त से दिसंबर के बीच पांच महीनों में देश में दो अरब से अधिक खुराक उपलब्ध कराई जाएंगी, जो पूरी आबादी का टीकाकरण करने के लिए पर्याप्त हैं।
वैक्सीन की किल्लत के बीच आई यह राहत की ख़बर
नीति आयोग के सदस्य डॉ. पॉल ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आगामी अगस्त से दिसंबर यानी कि 5 महीने के बीच देश के पास 216 करोड़ वैक्सीन डोज होंगे। उन्होंने कहा देश में अगस्त से दिसंबर तक की वैक्सीन की उपलब्धता देखें तो कुल 216 करोड़ वैक्सीन डोज उपलब्ध होने की उम्मीद है। डॉ.पॉल ने आगे बताया कि 216 करोड़ वैक्सीन डोज में 55 करोड़ डोज कोवैक्सीन, 75 करोड़ कोविशील्ड, 30 करोड़ बायो ई सब यूनिट वैक्सीन 5 करोड़ जायडस कैंडिला डीएनए, 20 करोड़ नोवावैक्सीन, 10 करोड़ भारत बायोटेक नेजल वैक्सीन, 6 करोड़ जिनोवा और 15 करोड़ डोज स्पुतनिक की उपलब्ध होगी। इसके अलावा दूसरी विदेशी वैक्सीन भी आ सकती है ।
कोवैक्सीन के उत्पादन के लिए अन्य कंपनियों को किया गया आमंत्रित
केंद्र सरकार और हैदराबाद स्थित भारतीय बायोटेक ने अन्य कंपनियों को आमंत्रित करने की इच्छा जताई है जो कोवैक्सीन का उत्पादन कर इसकी आपूर्ति बढ़ाने में मदद कर सकें। देश में कोरोना वैक्सीन की कमी के बीच सरकार के एक शीर्ष सलाहकार ने गुरुवार को यह जानकारी दी। नीति आयोग के सदस्य डॉ.वीके पॉल ने कहा, ‘लोग कह रहे हैं कि कोवैक्सीन को निर्माण के लिए अन्य कंपनियों को दिया जाना चाहिए। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि जब हमने इस बारे में उनसे बात की तो कोवैक्सीन विनिर्माता कंपनी (भारत बायोटेक) ने इसका स्वागत किया. ‘