संयुक्त किसान मोर्चा को मिला 12 राजनीति दलों का समर्थन
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के द्वारा लाये गए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन अभी भी चल रहा है। इस आंदोलन के 6 महीने पूरे होने वाले है इस मौके पर 26 मई को संयुक्त किसान मोर्चा के इस देशव्यापी प्रदर्शन को अपना समर्थन देने की घोषणा की है। बता दें कि देश के 12 प्रमुख विपक्षी दलों ने इसे अपना समर्थन दिया है। एक संयुक्त बयान में यह जानकारी दी गई है।
12 दलों का मिला समर्थन
इस बयान पर सोनिया गांधी (कांग्रेस), एच डी देवेगौड़ा (जद-एस), शरद पवार (राकांपा), ममता बनर्जी (टीएमसी), उद्धव ठाकरे (शिवसेना), एम के स्टालिन (द्रमुक), हेमंत सोरेन (झामुमो), फारूक अब्दुल्ला (जेकेपीए), अखिलेश यादव (सपा), तेजस्वी यादव (राजद), डी राजा (भाकपा) और सीताराम येचुरी (माकपा) ने हस्ताक्षर किए हैं। इन दलों का समर्थन किसानों को मिल रहा है।
देशव्यापी प्रदर्शन को दिया समर्थन
संयुक्त बयान में कहा गया है कि ‘हम किसानों के शांतिपूर्ण आंदोलन के छह महीने पूरे होने के मौके पर 26 मई को संयुक्त किसान मोर्च द्वारा आहूत देशव्यापी प्रदर्शन को अपना समर्थन देते हैं। केन्द्र सरकार को अड़ियल रवैया छोड़कर इन मुद्दों पर एसकेएम से फिर से वार्ता शुरू करनी चाहिए।’
कृषि कानून किये जाएं निरस्त
बयान में यह भी कहा गया है, ‘हमने 12 मई को संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि महामारी का शिकार बन रहे हमारे लाखों अन्नदाताओं को बचाने के लिये कृषि कानून निरस्त किये जाएं ताकि वे अपनी फसलें उगाकर भारतीय जनता का पेट भर सकें। हम कृषि कानूनों को तत्काल निरस्त करने और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सी2+ 50 प्रतिशत न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी अमलीजामा पहनाने की मांग करते हैं।’