नई दिल्ली। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड व एस्ट्राजेनेका विकसित सीरम इंस्टीट्यूट ने जिम्मेवारियों को लेकर मुआवजे से सुरक्षा की मांग की है।
कंपनियां कानून की सुरक्षा चाहती है
बताया जा रहा है कि विदेशी वैक्सीन निर्माताओं जैसे मॉडर्ना व फाइजर को भारत में मुआवजे के लिए संरक्षण मिल सकता है। कोरोना वैक्सीन के भारत में आने से पहले ये कंपनियां कानून की सुरक्षा चाहती है।
शरीर में एंटीबॉडी नहीं बनी
दरअसल, लखनऊ मे रहने वाले एक शख्स ने सीरम इंस्टीट्यूट पर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। जिसमे आरोप लगाया गया है कि कोविशील्ड की पहली खुराक लेने के बाद भी उनके शरीर में एंटीबॉडी नहीं बनी।
‘यह लोगों के साथ धोखा है’
प्रताप चंद्र गुप्ता ने कहा कि यह लोगों के साथ धोखा है, इसलिए इसे तैयार करने वाली कंपनी और उसे मंजूरी देने वाली संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इस शख्स ने कोविशील्ड वैक्सीन बनाने वाली सीरम इंस्टीट्यूट
और उसे मंजूरी देने वाली आईसीएमआर और डब्लूएचओ पर प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए लिखित शिकायत की है।