इनके जन्मदिवस पर मनाया जाता है ये दिन
नई दिल्ली। हर दिन का अपना अलग महत्व होता है। इसलिए विश्वभर में कई दिन ऐसे होते हैं जिन्हें कुछ मुख्य उद्देश्य से मनाया जाता है। उन्हीं दिनों में से एक है विश्व रक्तदाता दिवस। बता दें कि शरीर को स्वस्थ रूप से चलाने में खून महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि शरीर में खून न हो तो व्यक्ति की जान खतरें में पड़ जाती है। यदि समय पर जरूरतमंद व्यक्ति को खून नही मिलता तो उसे अपनी जाम से हाथ भी धोना पड़ जाता है। यही वजह है कि जो लोग ब्लड दान कर सकते हैं, उनसे रक्त दान करने की अपील की जाती है। इसीलिए रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है।इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया में जरूरत के मुताबिक रक्त उपलब्ध कराना है।
इस दिन के कुछ खास महत्व को जानें
कब शुरू हुआ और इस साल की थीम :
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस दिन की शुरुआत साल 2004 में की थी और तब से हर साल 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। हर साल इस दिवस पर अलग-अलग थीम रखी जाती है। इस साल की थीम है, ‘खून दो और दुनिया को धड़कने दो’।
इनके जन्मदिन पर मनाया जाता है ये दिवस
ब्लड ग्रुप सिस्टम के बारे में दुनिया को बताने वाले वैज्ञानिक का नाम कार्ल लैंडस्टेनर है। ब्लड ग्रुप्स का पता लगाने के लिए साल 1930 में उन्हें नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था। चूंकि उनका जन्म 14 जून को हुआ था, इसीलिए उनके सम्मान में उनके जन्मदिन पर ही रक्तदाता दिवस मनाया जाता है।
मुख्य उद्देश्य
विश्व रक्तदाता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को रक्तदान के लिए जागरुक करना है। अगर लोग अपनी इच्छा से रक्तदान करें तो ब्लड बैंकों में आवश्यक मात्रा में खून उपलब्ध रहेगा, जिससे जरूरत पड़ने पर पीड़ितों को आसानी से खून चढ़ाया जा सके। इससे कई लोगों को नया जीवन दिया जा सकता है। इसलिए रक्तदान करना जरूरी है।
डॉक्टरों की सलाह
डॉक्टरों के अनुसार, रक्तदान स्वस्थ व्यक्ति को ही करना चाहिए। कोई भी स्वस्थ व्यक्ति, जिसकी उम्र 18 साल से अधिक हो, वो ही रक्तदान कर सकता है। इसके अलावा रक्तदान करने वाले व्यक्ति का वजन 45 किलोग्राम से अधिक होना चाहिए। रक्तदान करने वाला व्यक्ति किसी भी बीमारी से पीड़ित नही होना चाहिए। डॉक्टरों को अपने हेल्थ के बारे में पूरी जानकारी देने के बाद और उनकी सलाह के बाद ही रक्तदान करें।