लखनऊ। यूपी में बढ़ते जल प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर राज्य स्तर पर कवायद शुरू हो गई है। पहले चरण में प्रदेश के 33 शहरों का चयन किया गया है। इनमें लखनऊ, कानपुर केसमेत 31 शहर अमृत योजना से संबंधित हैं। इस योजना के तहत सीवरेज सुविधा वंचित शहरी क्षेत्र के घरों के शौचालयों के सेप्टिक टैंकों से निकलने वाले सीवरेज का ट्रीटमेंट करने के लिए ‘सेप्टेज मैनेजमेंट योजना’ किया गया है। इसके तहत शहरों के उन इलाकों में ‘फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट’ लगाए जाएंगे।
लखनऊ , कानपुर में लागू होगा ‘को-ट्रीटमेंट’ पैटर्न
लखनऊ व कानपुर ऐसे शहर हैं जहां पर गंगा एक्शन प्लान के तहत पहले से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगे हैं। दोनों शहरों में लगे एसटीपी को उसकी क्षमता के मुताबिक सीवेज उपलब्ध नहीं हो पा रहा हैं। इसलिए सेप्टेज मैनेजमेंट योजना के तहत इन दोनों शहरों में सेप्टिक टैंकों के सीवेज का ट्रीटमेंट ‘को-ट्रीटमेंट’ पैटर्न पर चलाने का फैसला किया गया है।
इन 31 शहरों में लगेेंगे प्लांट
अयोध्या, गोंडा, अकबरपुर, बहराइच, सीतापुर, बस्ती, हरदोई, फर्रूखाबाद, अलीगढ़, हाथरस, शिकोहाबाद, फतेहपुर, बड़ौत, हापुड़, खुर्जा, शामली, देवरिया, बांदा, झांसी, ललितपुर, उरई, अमरोहा, बदायूं, चंदौसी, मुरादाबाद, पीलीभीत, शाहजहांपुर आजमगढ़, जौनपुर, मऊ व मुगलसराय, झांसी व उन्नाव।