बॉक्सर लवलीना के बाद सिंधु भी पहुँची सेमिफाइनल्स में
नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक्स 2020 को शुरू हुए एक हफ्ता हो गया है। टोक्यो ओलंपिक्स के पहले दिन मीराबाई चानू के रजत पदक जीतने के बाद से ही पदक के सूखेपन से गुज़र रहे भारत को शुक्रवार बॉक्सर लवलीना बोर्गोहाईं ने भिगाया ही था कि अब 2016 रियो ओलंपिक्स की रजत पदक विजेता पीवी सिंधु ने एक और पदक की आस दिला दी। शुक्रवार को हुए बैडमिंटन मुकाबले में स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने मेजबान जापान की अकाने यामागुची को सीधे गेम में 21-13, 22-20 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बना ली है।
प्वाईंट गंवाने से की जीत की शुरूआत
मुकाबले का पहला अंक मेजबान खिलाड़ी अकाने यामागुची को मिला। बाद में स्कोर 2-2 से बराबर हाे गया। फिर यामागुची ने 4-2 की बढ़त बना ली। फिर स्कोर 5-3, 6-4, 6-5 से यामागुची के पक्ष में रहा। पहली बार सिंधु को 7-6 की बढ़त मिली। इसके बाद उन्होंने यामागुची को मौका नहीं दिया और बढ़त सिंधु के पक्ष में ही रही। अंत में सिंधु ने यह गेम 21-13 से 23 मिनट में जीत लिया। जिसके बाद दूसरा गेम सिंधु ने 22-20 से जीतकर एक रोमांचक मुकाबला अपने नाम किया। जो कुल 33 मिनट तक चला।
9 साल में शुरू किया था बैडमिंटन का सफर
पीवी सिंधु के माता-पिता भले ही वॉलिबॉल खिलाड़ी रहे हों। लेकिन टोक्यो ओलंपिक्स में सेमिफाइनल्स में क्वालीफाई करने वाली सिंधु ने पुलेरा गोपीचंद से प्रभावित हो कर 9 साल की उम्र में ही गोपीचंद की अकेडमी में हिस्सा लिया।
एक ही दिन में दो खिलाड़ी जीते क्वालीफायर
भारत के लिए शुक्रवार का दिन बड़ा मंगल रहा। एक ही दिन में दो खिलाड़ियों पहले लवलीना बोर्गोहाईं और अब पीवी सिंधु ने क्वालीफायर में जीत कर सेमीफाइनल्स में जीत कर शानदार एंट्री की। जहां पीवी सिंधु गोल्ड से बस दो कदम दूर है, तो वहीं दूसरी ओर बॉक्सर लवलीना अपना एक और भारत के लिए दूसरा पदक पक्का कर चुकी है। लेकिन मैच जीतने के बाद लवलीना ने कहा कि मेडल तो एक ही होता है ‘गोल्ड’, उसी की तैयारी है।