लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 24 जिलों के 605 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। दक्षिणी उत्तर प्रदेश के हमीरपुर, बांदा और जालौन सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं, जहां बाढ़ का भीषण कहर देखने को मिल रहा है। तो वहीं इटावा जिले में 67 गांव बाढ़ से जूझ रहे हैं। पूरे उत्तर प्रदेश में 110 गांव ऐसे हैं जो पूरी तरह बाहरी दुनिया से कट चुके हैं। प्रयागराज, गाजीपुर और बलिया में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। यमुना भी पांच जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
प्रयागराज में 24 घंटों में 12 गुना अधिक बारिश
प्रयागराज में हजारों लोग बाढ़ की चपेट में हैं। पिछले 24 घंटे में प्रयागराज में 12 गुना अधिक वर्षा हुई है। गंगा-यमुना के साथ ही इसकी सहायक नदियों, टोंस नदी और ससुर खदेरी में ऐसा उफान आया कि प्रयागराज के निचले इलाके पानी-पानी हो गए। ससुर खदेरी नदी में उफान से गौस नगर में 500 से ज्यादा मकानों में तकरीबन साढ़े चार हजार की आबादी फंसी हुई है। जिन सड़कों पर लोग मोटर गाड़ियों से चलते थे वहां नावें चल रही हैं। लोग अपने घरों की पहली मंजिल पर शरण लिए हुए हैं। बिजली न होने से अब लोगों के पास पानी भी खत्म हो गया है इसके साथ ही कई परिवारों के पास खाने-पीने का भी संकट खड़ा हो गया है।
वाराणसी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा
वाराणसी की बात करें तो वहां भी हालात कुछ अच्छे नहीं है। खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा नदी, निचले इलाकों में बाढ़ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल का बचाव और राहत अभियान जारी है। पीएम मोदी ने खुद बाढ़ संबंधित स्थिति को लेकर वाराणसी प्रशासन से विस्तृत बातचीत की।
योगी आदित्यनाथ का हवाई सर्वेक्षण
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को जालौन जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री भी वितरित की। सीएम ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक कर राहत कार्य को बढ़ाने के निर्देश दिए। इससे पहले उन्होंने मंगलवार को इटावा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत सामग्री वितरित की। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति को लेकर जिला अधिकारियों के साथ बैठक भी की।