नई दिल्ली। भाकियू टिकैत के राष्ट्रीय किसान चिंतन शिविर में दूसरे दिन किसानों की बिभिन्न समस्याओं पर चिंतन हुआ। राष्ट्रीय महासचिव राजपाल शर्मा ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 9 महीने से किसान पड़े हैं लेकिन केंद्र सरकार का रवैया तानाशाहीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों पर अत्याचार कर रही है। हजारों किसानों की सहादत के बाद भी सरकार किसानों से बात नहीं करना चाहती। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान सरकार पूरी तरह किसान विरोधी है और लोकतंत्र में विश्वास नहीं करती। उन्होंने हरियाणा सरकार द्वारा शांतिपूर्ण रूप से धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों पर बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज की घोर निंदा की।
प्रदेश उपाध्यक्ष बुद्धा सिंह ने कहा कि किसान शांति से अपनी तीन कृषि काले कानूनों की वापस कराने की मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन किसान विरोधी सरकार आंदोलन को दबाने दबाने के लिए दमनकारी नीति अपना रही है।किसानों के हको और अधिकारों को छीन कर के कारपोरेट जगत को देना चाहती है। मण्डल अध्यक्ष गजेंद्र परिहार ने कहा कि 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली किसान महापंचायत ऐतिहासिक होगी। उन्होंने कहा कि सरकारों को किसानों के हक के लिए झुकना ही होगा। उन्होंने आगे कहा कि “बिल बापिसी नहीं तब तक घर बापिसी नहीं” हमारा मूलमंत्र है। पबन चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार एक तरफ तो किसान हितेषी होने का बायद करती है वहीं दूसरी तरफ किसानों की समस्याओं और प्रमुख मांगों के प्रति कुंभकरण की नींद में सोई हुई है।
चिंतन शिबिर को संबोधित करते हुए ललित शर्मा ने बताया कि जहां सरकार एमएसपी देने का बायदा करती है लेकिन एमएसपी केबल नाम कि दिखाई देती है लेकिन जमीनी स्तर पर एमएसपी का नाम नही है किसानों की फसलों के लिए C2 दिया जाना चाहिए लेकिन सीटू देना किसानों के हित में सरकार मुनासिब नहीं समझती जहां 9 महीने से किसान दिल्ली के चारों तरफ से आंदोलन / धरना प्रदर्शन कर रहा है खुले मौसम में ,सर्दी से, गर्मी से ,वर्षा से लड़ रहा है वहीं सरकार ने उन किसानों के प्रति संवेदनात्मक एक शब्द नहीं कहां साथ ही 600 से ज्यादा किसानों की शहादत हुई है लेकिन सरकार को किसानों के दुख और दर्द से कोई वास्ता नहीं आज तक प्रधान चौकीदार होने का दिखाबा करने वाले ने एक शब्द शहीद किसानों के लिए नहीं कहा ।
सभी ने अपने संबोधन में हरियाणा में किसानों पर हुई बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज के लिए हरियाणा सरकार की घोर निंदा करते हुए मृतक किसान को 1 करोड़ रुपए का आर्थिक मुआवजा साथ ही एक सरकारी नौकरी वहीं घायल परिवारों के लिए आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराए जाने की मांग की वही देवेंद्र रघुवंशी ने सभा को संबोधित करते हुए किसानों की प्रमुख समस्याओं के लिए संबंधित अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि क्षेत्रीय किसानों की संबंधित समस्याओं को शीघ्र निस्तारण नहीं किया गया तो जनपद मथुरा में कहीं भी किसानों का आंदोलन होगा धरना प्रदर्शन होगा जिसका उत्तरदायित्व मथुरा प्रशासन होगा।
इस अवसर पर सिटी मजिस्ट्रेट मथुरा एवं मथुरा प्रशासन के आला अधिकारी चिंतन शिविर में पहुंचे जिनको अनुकृति काले कानून वापसी को महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा साथ ही क्षेत्रीय समस्याओं के लिए जिलाधिकारी मथुरा के नाम ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर चिंतन शिबिर में जगदीश परिहार,धीरी सिंह,तेजबहादुर सोनी,डॉ चेतन,रोहिताश चौधरी, चुनमुन, तेजपाल तोमर, गिर्राज परिहार देवेश पाठक ,द्रोणाचार्य कुंतल ओपी कुंतल, घुरेलाल शास्त्री राजकुमार गोवर्धनसे, गजेंद्र सिंह गावर ,बलदेव अग्रवाल ,चंद्रभान सिंह ,मुजाहिद कुरैशी ,मीना ठाकुर डिंपल शर्मा,हाकिम सिंह,संजय तोमर,डॉ प्रकाश,बच्चू तोमर, बाबूलाल जिलाध्यक्ष नरसिंहपुर मध्य प्रदेश एबं बड़ी तादाद में किसान सरदारी मौजूद रही।