नई दिल्ली। बंगाल सरकार ने गुरुवार को राज्य में सर्वेक्षण के बाद की हिंसा का पता लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प चुना। कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा गठित एसआईटी की मदद के लिए पब्लिक अथॉरिटी ने 10 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का चयन किया है।
10 वरिष्ठ आईपीएस की नियुक्ति
बंगाल सरकार ने गुरुवार को राज्य में सर्वेक्षण के बाद की घटनाओं पर जांच करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। सच कहा जाए तो कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी की मदद के लिए लोक प्राधिकरण ने 10 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को नियुक्त किया है। एसआईटी में तीन आईपीएस अधिकारी सुमन बाला साहू, सौमेन मित्रा और रणवीर कुमार शामिल हैं। साथ ही उच्च न्यायालय ने राज्य के सभी संगठनों से भी जांच में सीबीआई और एसआईटी की मदद करने के लिए समन्वय किया था।
वहीं इससे पहले बुधवार को पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद हत्या और महिलाओं के साथ किए गए अपराधों की जांच सीबीआई को सौंपने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
जैसा कि आंकड़ों से संकेत मिलता है, पश्चिम बंगाल सरकार ने उच्च न्यायालय के अनुरोध के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक एसएलपी दर्ज की है, हालांकि अभी इस अपील का विश्लेषण सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री द्वारा किया जा रहा है। परीक्षण का काम पूरा होने के बाद मामले को सूचीबद्ध किया जाएगा।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंपी जांच
कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने 19 अगस्त के आदेश में कहा था कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग समिति की रिपोर्ट में बताए गए हत्या या महिलाओं से दुष्कर्म से संबंधित सभी मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए। हाईकोर्ट ने कहा था कि राज्य को मामलों के सभी रिकॉर्ड सीबीआई को सौंपनी चाहिए। साथ ही हाईकोर्ट ने एनएचआरसी समिति की रिपोर्ट में उल्लेखित अन्य सभी मामलों को जांच अदालत की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने का निर्णय लिया था।