नई दिल्ली। मुज्ज़फ़नगर की महापंचायत के बाद अब किसानों ने हरियाणा का रुख किया है। आंदोलनकारी किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने करनाल में महापंचायत का आयोजन किया है। जहां किसान नेता राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढूनी समेत देश भर से किसान करनाल के अनाज मंडी में जमा हुए हैं। करनाल में 28 अगस्त को किसानों के खिलाफ हुई हिंसा को लेकर इस महापंचायत का आयोजन किया गया।
धारा 144 लागू
करनाल में आज महापंचायत से पहले ही सख्त प्रबंध देखने को मिले। करनाल में धारा 144 लगा दी गई है। करनाल समेत 5 जिलों में आधी रात से ही इंटरनेट सेवाएं और एसएमेस सर्विस बंद कर दी गई। साथ ही दिल्ली और चंडीगढ़ जाने वाले रास्तों को भी बदल दिया गया हैै। करनाल में अनाज मंडी और उसके आस पास के इलाकों में 40 कंपनियां तैनात हैं।
मिनी सचिवालय का घेराव करेंगे किसान
करनाल में आंदोलनकारी किसान ने आज मिनी सचिवालय का घेराव करने का भी एलान किया है। 28 अगस्त को करनाल में एक टोल प्लाज़ा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर हरयाणा पुलिस ने लाठी चार्ज किया था जिसमें कई प्रदर्शनकारियों को चोट आई थी।
‘सरकारी तालिबान’ वाले बयान पर टिकैट ने दी सफाई
महापंचायत से पहले राकेश टिकैट ने कहा कि इस बार किसान अधिकारियों से बात करेंगे, करनाल में हुई लाठीचार्ज से जिन लोगों को नुकसान हुआ है उनको मुआवजा मिलना चाहिए। साथ ही उन्होंने अपने ‘सरकारी तालिबान’ वाले बयान पर मचे बवाल पर सफाई भी दी। ‘सरकारी तालिबान’ शब्द के प्रयोग को लेकर राकेश ने कहा कि जिन शब्दों पर प्रतिबंध लगा है उनका इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। हमने ‘सरकारी तालिबान’ शब्द का प्रयोग किया तो इन्हें दर्द हो रहा है। लेकिन फिर सरकार को भी हमे खालिस्तानी-पाकिस्तानी नहीं बोलना चाहिए।”