एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी समेत कार्यक्रम के आयोजकों पर केस दर्ज
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव बस कुछ ही महीनों दूर हैं। जिसमें तमाम दल अपने वोटों को साधने की जद्दोजहद में लग एक भी मौका नहीं छोड़ने में लगे हुए हैं। इसी कड़ी में ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी मंगलवार से शूरू हुए तीन दिवसीय दौरे के लिए यूपी आए थे। जिसको अंतिम रूप देने के लिए वह बृहस्पतिवार बाराबंकि में मौजूद थे। जहां से सारा विवाद शुरू हुआ और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ केस दर्ज हो गया।
सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का भी है आरोप
दरअसल असदुद्दीन ओवैसी पर आरोप है कि एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भड़काऊ भाषण दिया था। असदुद्दीन ओवैसी ने कार्यक्रम में कहा कि कोतवाली रामसनेही घाट में प्रशासन ने 100 वर्ष पुरानी मस्जिद को तुड़वा दिया। उन्होंने इस बात से एक समुदाय विशेष को भड़काने और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया। इसके बाद मामला यूपी के बाराबंकी में दर्ज किया गया। इस कार्यक्रम पर कोविड प्रोटोकॉल का भी उल्लघंन का आरोप है। असदुद्दीन ओवैसी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का भी आरोप लगा है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कोविड प्रोटोकॉल का हुआ उल्लंघन
पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने शुक्रवार को बताया कि नौ सितंबर को थाना कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कटरा चन्दना में एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के कार्यक्रम में काफी संख्या में भीड़ इकट्ठा की गई। इसमें कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया। यमुना प्रसाद ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान न तो किसी ने मास्क पहन रखा था और न ही सामाजिक दूरी का पालन किया गया। साथ ही बताना होगा कि बाराबंकी कार्यक्रम पर पहले जिला प्रशासन ने रोक लगा दी थी, लेकिन बाद में आयोजकों ने जब कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने का वादा किया तो उन्हें कार्यक्रम की इजाजत दी गयी।
पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ को लेकर की टिप्पणी
ओवैसी ने कार्यक्रम में पीएम मोदी पर हमला करते हुए आरोप लगाया था कि देश को हिंदू राष्ट्र में बदलने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, धर्मनिरपेक्षता को खत्म करने और देश को हिंदू राष्ट्र बनाने के प्रयास जारी हैं।”