नई दिल्ली। उत्तराखंड के माउंट त्रिशुल पर हिमस्खलन में आरोहण के लिए गयी नौसेना की एक टीम के 5 पर्वतारोही औऱ एक पोर्टर हिमस्खलन की चपेट में आ गए। उनके लिए राहत और बचाव का काम उत्तरकाशी के पर्वतरोहण संस्थान की तरफ से जारी है। इससे पहले भी ऐसे हिमस्खलनों के कारण सेना के जवानों के लापता होने की कई खबरें सामने आई हैं। हाल ही में आई एक खबर के मुताबिक 16 साल पहले के बर्फीले तुफान की चपेट में आए एक जवान के शव को बर्फ में से निकाला गया।
क्या है पूरा मामला ?
उत्तराखंड की तीन पर्वत चोटी एकसाथ होने के कारण इस पर्वत को त्रिशुल कहा जाता है। इसी पर्वत पर नौसेना के जवान आरोहण के लिए गए था। गुरुवार रात तक वह त्रिशुल पर्वत पर ही मौजुद थे। सुबह होते ही सेना का दल हिमस्खलन की चपेट में आ गया। जिसके बाद से राहत और बचाव का काम उत्तरकाशी के पर्वतरोहण संस्थान की तरफ से जारी है। उत्तरकाशी के पर्वतारोहण संस्थान के अध्यक्ष कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि 20 जवानों की एक टीम पर्वतारोहण के लिए चमोली से निकली थी। जिसके 15 दिनों तक इस टीम ने त्रिशुल पर्वत पर आरोहण किया जिसके बाद शुक्रवार की सुबह ये हादसा हो गया। हादसे के बाद बचाव कार्य में सेना, वायुसेना के हेलीकॉप्टर और एसडीआरएफ जुटी हैं। एसडीआरएफ के कमांडेट ने बताया कि हादसे की अभी तक इस हादसे की पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है।