नई दिल्ली। आज विश्व आर्थराइटिस दिवस देशभर में मनाया जा रहा है, जोड़ों के दर्द और हड्डियों के दर्द से जुड़ी समस्याओं का हम सभी बहुत ख्याल तो रखते ही है साथ ही इस बीमारी को जागरूक करने के लिए हर साल 12 अक्टूबर को विश्व आर्थराइटिस दिवस मनाया जाता है। कुछ डॉक्टर कहते है कि फूड शरीर में इन्फ्लेमेशन बढ़ाकर आर्थराइटिस को ज्यादा बढ़ा देता है इसलिए ऐसे मरीजों को मैदा से बनी चीजें नहीं खानी चाहिए साथ ही यह हमारे पाचन को भी कम करता है और पेट से जुड़ी दिक्कतों को बढ़ाता है।
आर्थराइटिस के दर्द को कम करने के लिए खानी चाहिए यह चीजें
गेहूं, जौ और बाकी के अनाजों में एक ग्लूटेन नाम का प्रोटीन पाया जाता है और इसमें कई तरह के तत्व भी होते है। ग्लूटेन इन्फ्लेमेशन की समस्या को बढ़ाता है इसलिए डॉक्टर रहेयूमेटॉइड आर्थराइटिस से बचने के लिए ग्लूटेन-फ्री डाइट लेने की सलाह देते हैं। साथ ही कुछ स्टडी में दावा किया जाता है कि मीट खाने से भी आर्थराइटिस के लक्षणों के होने की संभावना रहती है और इंफ्लेमेटरी आर्थराइटिस का खतरा रहता है।
आर्थराइटिस के लक्षण
अगर कोई व्यक्ति को जन्म से ही असामान्य जोड़ों के साथ पैदा हुआ हो तो उसमें जॉइंट इंजरी का भी खतरा रहता है साथ ही यह घुटने और आस्टियोआर्थराइटिस का कारण भी बन सकता है। आस्टियोआर्थराइटिस को सिंगल जीन म्यूटेशन से भी जोड़ा जाता है। जो कॉलेज नाम के एक प्रोटीन को प्रभावित करता हैं। जिससे आपके पैरों में दर्द होने का खतरा ज्यादा रहता है।
अर्थराइटिस को कैसे करे कम?
कुछ एक्सपर्टस के अनुसार फिजिकल एक्सरसाइज, मेडिकेशन के जरिए इसका इलाज किया जा सकता है। उदहारण के लिए कुछ मरीजों पर आस्टियोआर्थराइटिस के लक्षणों को कम करने के लिए प्रगतिशील नामक एक एसिड इंजेक्शन दिया जाता है यह एक ऐसा एसिड भी है जो फूड में नेचूरली पाया जाता है। इसके सेवन से भी हम इसके जुड़े लक्षणों को कम कर सकते है और अपनी स्थिति को पहले की तरह समान्य कर सकते है। ऐसा कर हमारे शरीर में भी कई तरह से सुधार होगा और बीमारी से जल्दी ही ठीक हो पाएगें।