नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की सीमाओं से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग वाली याचिका पर जवाब देने के लिए किसान यूनियनों को चार सप्ताह का समय दिया है।
7 दिसंबर को होगी सुनवाई
दिल्ली की सीमाओं पर तीन केंद्रीय खेती कानून का विरोध करने बैठे किसानों पर एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उन्हें प्रदर्शन करने का पूरा अधिकार है। लेकिन अदालत ने साफ़ किया किसान अनिश्चितकाल के लिए सड़कों को ब्लॉक नहीं कर सकते। 7 दिसंबर को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई केरगा।
अदालत ने कहा, “आख़िर में कोई तो हल निकालना होगा. हांलाकि केंद्रीय क़ानूनों के ख़िलाफ़ याचिका लंबित है, हम किसानों के विरोध करने के अधिकार के ख़िलाफ़ नहीं हैं. लेकिन सड़कों को ब्लॉक नहीं किया जा सकता.“
पुलिस ने किया रास्ता बंद : किसान
सुप्रीम कोर्ट की इस बयान पर किसानों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रास्ता किसानों ने नहीं बल्कि पुलिस ने बंद कर रखा है। किसानों ने कभी भी रास्ते से आवाजाही को नहीं रोका। उनका कहना है कि पुलिस बैरिकेड हटा दे और रास्ता खोल दे। सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद से ही दिल्ली बॉर्डर्स पर किसान और पुलिस आमने-सामने हैं। किसानों की घर वापसी को लेकर भी कई अफवाहें भी फैलाई जा रही हैं। हालांकि किसानों ने इसे पूरी तरह से खारिज किया है।