इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारा देश दुनिया में तेजी से आगे बढ़ रहा है. हमारे नागरिक न केवल भारत में अपितु विदेशो में भी अपने कार्यक्षेत्र में अपने कौशल से देश का नाम रोशन कर रहे है. दूसरी तरफ एक युवा वर्ग ऐसा भी है जो नशे के चंगुल में फंसता ही जा रहा है. वे ऐसा करके न केवल अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं बल्कि अपने पूरे परिवार का जीवन नरक के समान बना देते है.
सरकार ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए भारत को नशा मुक्त बनाने के लिए नशा मुक्त भारत अभियान चलाया है. नशा चाहे कोई भी हो, इंसान के मानसिक संतुलन बिगाड़ने के साथ साथ उसके शरीर का भी नाश कर देता है. इसने एक बड़े युवा वर्ग को अपने चंगुल में ले लिया है. हैरानी तो यह है कि अधिकतर युवा की नशे की शुरुवात शौक से या दोस्तों के बीच दिखावे के प्रचलन से होती है. उनका यह शौक कब उनके नशे की लत में शामिल हो जाता है उनको भी पता नहीं चलता है.
सरकार अपने नशा मुक्त भारत अभियान के माध्यम से बड़ी संख्या में देश के युवाओं को नशे से दूर रहने के लिए जागरूक कर रही है और उन्हें नशे की लत से बाहर निकालने के लिए पूरी मदद कर रही है. इसके बावजूद भी बहुत से युवा चोरी चुपके गैरकानूनी नशीले पदार्थो जैसे अफीम, ब्राउन सुगर, स्मैक, गांजा, हीरोईन, कोकीन आदि का सेवन कर रहे है, जो कि क़ानूनी अपराध होने के साथ साथ उनका जीवन भी बर्बाद कर रहा है.
ऐसा नहीं है कि सरकार गैरकानूनी नशीले पदार्थो को रोकने के लिए कुछ नहीं कर रहे है. इसी को रोकने के लिए एनसीबी(नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) की स्थापना हुई. स्वापक नियंत्रण ब्युरो या नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी), ड्रग तस्करी से लड़ने और अवैध पदार्थों के दुरुपयोग के लिए भारत की नोडल ड्रग कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसी है।
ड्रग ही नहीं बल्कि शराब, गुटका, तम्बाकू आदि सभी नशीले पदार्थ इंसान के लिए हानिकारक है, सभी को इसके सेवन से बचना चाहिए. हर चीज के लिए सरकार को दोष देना ठीक नहीं हैं, सरकार के साथ साथ हम सब जिम्मेदार नागरिको का भी कर्तव्य है कि नशे से दूर रहने के साथ साथ, अपने प्रियजनों और मित्रो को भी नशीले पदार्थो के बारे में जागरूक करें.
युवाओं को उदाहारण देकर समझाना जरुरी है कि नशा कितना खतरनाक होता है, यह किस तरह से आपको अपने प्रियजनों और समाज से दूर करने के साथ साथ आपके शरीर का भी नाश कर देता है. उन्हें यह समझाना बहुत जरुरी है कि नशा करने वाला न केवल अपना जीवन बर्बाद करता है, बल्कि अपने पुरे परिवार को नरक से भी बुरा जीवन जीने के लिए मजबूर कर देता है.
अगर हम शुरुवात में ही युवाओं को जागरूक कर सके तो, उनको इस दलदल में जाने से रोक पाएंगे. उन्हें इसकी लत पड़ने के बाद नशा मुक्त केंद्र में जाने की जरुरत नहीं होगी. सबसे महतवपूर्ण बात यह है कि व्यक्ति अपने दृढ़ संकल्प से ही नशे की लत से दूर रह सकता है. दुनिया का कोई भी व्यक्ति किसी को भी नशीले पदार्थ की लत नहीं लगा सकता है. यह व्यक्ति के ऊपर निर्भर करता है कि वह उस नशीले पदार्थ का सेवन करें या नहीं.