भारत के पड़ोसी देश नेपाल में एक बार फिर भूकंप के कारण कई इमारतें ढह गईं और 132 लोगों की मौत हो चुकी है। शुक्रवार देर रात आए 6.4 तीव्रता वाले इस भूकंप के कारण मौतों का आंकड़ा और बढ़ने की आशंका है। मलबे में दबने के कारण कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं । भूकंप के कई भयानक वीडियो सामने आए हैं। नेपाल में सभी हेली-ऑपरेटरों को तैयार रहने के लिए कहा गया है और प्रभावित क्षेत्रों से घायलों को एयरलिफ्ट करने की सुविधा के लिए नियमित उड़ान आवाजाही निलंबित कर दी गई है। नेपालगंज हवाई अड्डे और सैन्य बैरक हेलीपैड पर एक एंबुलेंस तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं।
भूकंप के कारण ज्यादातर लोगों की मौत रुकुम पश्चिम और जाजरकोट में हुई है। भूकंप का असर नेपाल से सटे भारत के बिहार में भी पड़ा है। नेपाल में तबाही मचाने वाले भूकंप की तीव्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसका असर दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में देखा गया।अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि नेपाल में आए भूकंप के कारण बिहार के कई जिलों में तेज झटके महसूस किए गए। हालाँकि, राज्य में किसी भी तरह की जान-माल की क्षति की सूचना नहीं है।
बिहार में भूकंप के झटके पटना, कटिहार, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पश्चिमी चंपारण, सासाराम, नवादा और भारत-नेपाल सीमा से लगे कई अन्य जिलों में महसूस किए गए।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में भूकंप से हुए जान-माल के नुकसान पर दुख जताया और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, नेपाल में भूकंप के कारण हुई जनहानि और क्षति से अत्यंत दुखी हूं। भारत नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।