पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी सहयोगी एवं पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी को बुधवार को अदियाला जेल से रिहाई के बाद फिर से गिरफ्तार कर लिया गया और इस दौरान पुलिस ने उनके साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया। कुरैशी को नौ मई की हिंसा में उनकी कथित संलिप्तता के लिए जेल के बाहर फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। कुरैशी और उनकी पार्टी ने इस कदम को ‘‘अवैध” करार दिया है। उच्चतम न्यायालय ने कुरैशी (67) को पिछले सप्ताह ‘सिफर’ मामले में जमानत प्रदान की थी और मंगलवार को उन्हें रिहा किया जाना था लेकिन पुलिस ने उन्हें रिहा होते ही गिरफ्तार कर लिया।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने सोशल मीडियाम मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि ‘सिफर’ मामले में जमानत पर रिहाई के बाद कुरैशी को अदियाला जेल के बाहर दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया। पार्टी ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो जारी किया जिसमें रावलपिंडी में उच्च सुरक्षा वाली अदियाला जेल के गेट पर पुलिसकर्मियों द्वारा कुरैशी को बख्तरबंद वाहन में धक्का देते हुए देखा जा सकता है। ‘डॉन’ समाचार पत्र की खबर के मुताबिक, टीवी चैनलों पर प्रसारित और सोशल मीडिया पर पीटीआई द्वारा साझा फुटेज में पूर्व विदेश मंत्री कुरैशी पुलिस की कार्रवाई को ‘गैर कानूनी’ बताते हुए विरोध कर रहे थे।
पार्टी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘पाकिस्तान की बेहतर ढंग से सेवा करने वाले एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित वरिष्ठ राजनीतिज्ञ के साथ यह व्यवहार सत्तारूढ़ लोगों की कायरता का प्रतीक है। कानून का मजाक बना दिया गया है और नागरिकों के बुनियादी संवैधानिक अधिकारों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है।” कथित भ्रष्टाचार के मामले में पीटीआई प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद जेल में बंद इमरान खान के समर्थकों ने नौ मई को सैन्य और सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमले किए।