ढाई किलो के हाथ वाले “सनी देओल “ने किए 68 वर्ष पूरे , बढ़ती उम्र के बाद भी आखिर कैसे बने हुए युवाओं के लिए चुनौती

भारतीय सिनेमा जगत के सुपर स्टार अजय सिंह देओल उर्फ़ सन्नी देओल आज 68 वर्ष के हो गए हैं. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक बड़ी हिट से की थी. इनके पिता धर्मेंद्र सिंह देओल भी बॉलीवुड के बड़े सितारे हैं, जिनका रुतबा आज भी फिल्मी दुनिया में कायम है. वहीं इनके छोटे भाई विक्रम जीत सिंह उर्फ़ बॉबी देओल का नाम भी बॉलीवुड के बड़े नामों में गिना जाता है. सनी की फिल्में एक्शन सीन के साथ साथ डायलॉग को लेकर भी खूब सुर्खियां बटोरती है.

बॉलीवुड जगत में छ दशक से धाक जमाने वाले अजय सिंह देओल उर्फ़ सन्नी देओल ने आज के दिन यानी 19 अक्टूबर सन 1956 को पंजाब के सहनेवाल में जन्म लिया था. सुपर स्टार धर्मेंद्र के बेटे सन्नी ने अपनी करियर की शुरुआत सन 1984 में सुपर हिट फिल्म बेताब के साथ की. जिसके बाद सन्नी देओल अपनी सफलता की बुलंदियों को अर्श पर ले गए और उनका नाम फिल्मी दुनिया में सफल अभिनेताओं में लिया जाने लगा. उन्होंने कई फिल्मों में अपने पिता और छोटे भाई के साथ स्क्रीन भी शेयर की है. उनकी फिल्मों के प्रति लोगों में काफ़ी दीवानगी थी , जिसके चलते ही आज तक कुछ डायलॉग फैंस की जुबां पर रटे हुए हैं. सन्नी नेअपने करियर के साथ साथ पारिवारिक उतार चढ़ाव भी खूब देखें है. इन्होंने अपने पिता के द्वारा दूसरी शादी करने के बाद नाराजगी जाहिर करते हुए दूरी बना ली थी. इनकी पिता की पहली शादी सन्नी की मां प्रकाश कौर से और दूसरी शादी मशहूर अभिनेत्री हेमा मालिनी से हुई थी. आपको बता दें सन्नी देओल ने अपने चालीस साल के करियर में दो दर्जन से भी ज्यादा हिट फिल्में दी हैं. और इनकी आखिर फिल्म पिछले साल आई गदर फिल्म का पार्ट 2 थी . जो बॉक्स ऑफिस पर एक जबरदस्त हिट साबित हुई थी.

सन्नी देओल और उनका परिवार
सन्नी के परिवार में उनके पिता धर्मेंद्र सिंह देओल और माता प्रकाश कौर ,दो बहनें जो की कैलिफोर्निया में रहती है, और
भाई बॉबी देओलऔर अभय देओल (कजिन) हैं. दूसरी मां हेमा मालिनी से दो बहनें ईशा और आहना सिंह है. सन्नी की शादी सन 1984 में पूजा सिंह से हुई थी, जिनसे इन्हें दो लड़के कर्ण सिंह और राजवीर सिंह है.

सन्नी देओल की फिल्मों के कुछ मशहूर डायलॉग, जो आज भी फैंस के जहन में बरक़रार है

दामिनी( ये ढाई किलो का हाथ जब किसी पर पड़ता है ना तो आदमी उठता नहीं उठ जाता है).
घातक(अगर मर्द बनने का इतना ही शौक है , तो इन कुत्तों का सहारा लेना छोड़ दे कातिया).
जीत( इन हाथों ने हथियार चलाने
छोड़े हैं लेकिन भूले नहीं)
गदर ( अशरफ अली!तुम्हारा पकिस्तान ज़िंदाबाद है, इससे हमें कोई ऐतराज नहीं। लेकिन हमारा हिंदुस्तान ज़िंदाबाद था , ज़िंदाबाद है और ज़िंदाबाद रहेगा.
घातक ( ये मजदूर का हाथ है कात्या, लोहा पिंघलाकर उसका आकार बदल देता है.

लेखक नकुल जैन