
अहमदाबाद विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में जहां कई परिवार उजड़ गए, वहीं कुछ कहानियाँ ऐसी भी सामने आईं जो पत्थर दिल को भी पिघला दें। ऐसी ही एक कहानी है लंदन निवासी अरजुन भाई की — एक समर्पित पति, दो मासूम बच्चियों के पिता और एक ऐसी त्रासदी का शिकार, जिसने इंसानियत को भी रुला दिया।

सात दिन पहले अरजुन भाई की पत्नी का लंदन में निधन हो गया था। अंतिम सांसों में उन्होंने इच्छा जताई थी कि उनकी अस्थियां उनके मायके — गुजरात के अमरेली ज़िले के एक छोटे से गांव — की नदी और तालाब में विसर्जित की जाएं। पत्नी की उस अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए अरजुन भाई भारत आए। उन्होंने फूलों के कलश और अस्थियों के साथ गांव जाकर बेहद भावुक क्षणों में नदी में उनका विसर्जन किया।
वह इस दुःख से उबरने की कोशिश भी नहीं कर पाए थे कि नियति ने उन्हें और बड़ी त्रासदी की ओर धकेल दिया। अस्थि विसर्जन के बाद लंदन लौटते समय वे जिस फ्लाइट में सवार थे, वह तकनीकी कारणों से दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस दर्दनाक विमान हादसे में अरजुन भाई की भी मौत हो गई।
अब इस पूरे हादसे के बाद पीछे रह गई हैं उनकी दो नन्हीं बेटियाँ — एक महज़ आठ साल की और दूसरी सिर्फ चार साल की। एक हफ्ते के भीतर इन दोनों मासूमों ने पहले अपनी मां को और अब पिता को खो दिया।
यह कहानी सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि उस क्रूर सच्चाई की है जो कभी भी, किसी को भी, जीवन की सबसे गहरी चोट दे सकती है। अरजुन भाई की कहानी उन तमाम चेहरों में से एक है, जिन्हें यह हादसा हमेशा के लिए खामोश कर गया — लेकिन जिनकी यादें और पीड़ा हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगी।