
सुल्तानपुर।
हजरत इमाम हुसैन के बेटे हज़रत अली अकबर की याद में सुल्तानपुर जिले में मंगलवार रात पांचवीं मोहर्रम का जुलूस निकाला गया। इस अवसर पर शिया और सुन्नी समुदाय के हजारों अकीदतमंदों ने भाग लिया और कर्बला के शहीदों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की।
खैराबाद क्षेत्र में शिया समुदाय की ओर से इमामबाड़ा मरहूम अली नज़ीर साहब से जुलूस प्रारंभ हुआ। मौलाना ने हज़रत अली अकबर के जीवन और कर्बला की घटना पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि हज़रत अली अकबर की शक्ल पैग़म्बर मोहम्मद साहब जैसी थी और उन्होंने 18 वर्ष की आयु में कर्बला के मैदान में शहादत दी।
जुलूस में अंजुमन गुंचए मजलूमिया सदर की ओर से नौहा और मातम किया गया। यह जुलूस जमाल गेट, इमाम बारगाह मीर वाहिद अली, बाधमंडी और अन्नू चौराहा होते हुए खैराबाद में समाप्त हुआ। इस दौरान मो. नज़ीर, हाजी मुजाहिद अकबर, डॉ. नैयर रज़ा, मो. हैदर, रफअत हुसैन और आफ़ताब आलम मौजूद रहे।
वहीं, डिहवा मोहल्ला से भी एक अलग जुलूस निकाला गया जो राहुल चौराहा, शाहगंज, चौक गंदा नाला होते हुए डाकखाना चौराहे पर रात करीब दो बजे समाप्त हुआ। यहां सिराज अहमद भोला, गुलाम मोईनुद्दीन, खुर्शीद आलम समेत सैकड़ों अकीदतमंद शामिल हुए।
सुरक्षा के रहे कड़े इंतज़ाम
जुलूस शांतिपूर्ण रहा और पूरे मार्ग पर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। धार्मिक सौहार्द और अनुशासन का अनुकरणीय उदाहरण पेश करते हुए लोगों ने इस आयोजन को सफल बनाया।