
सुल्तानपुर।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक विद्यालयों को बड़े स्कूलों में विलय करने के निर्णय के विरोध में आम आदमी पार्टी (AAP) ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। पार्टी जिलाध्यक्ष सुरेश चंद्र एडवोकेट के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपकर फैसले को वापस लेने की मांग की।
AAP नेताओं ने आरोप लगाया कि यह निर्णय शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE Act) और बाल अधिकारों का सीधा उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि RTE एक्ट की धारा 4, भाग 3 के अनुसार हर एक किलोमीटर की दूरी पर एक प्राथमिक विद्यालय होना अनिवार्य है, लेकिन सरकार इस मानक की अनदेखी कर रही है।
AAP का तर्क और आरोप
पार्टी के मुताबिक, वर्ष 2024 में राज्य सरकार ने 27,308 नए मदिरालय (ठेके) खोलने की अनुमति दी, जबकि उसी अवधि में 26,000 से अधिक प्राथमिक विद्यालय बंद हो चुके हैं।
अब सरकार 27,000 और स्कूलों को बंद करने की योजना बना रही है, जिससे बच्चों की शिक्षा, शिक्षामित्रों की नौकरी और मिड-डे मील रसोइयों का रोजगार भी खतरे में पड़ जाएगा।
AAP ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार मानक विहीन निजी स्कूलों को बढ़ावा दे रही है। सरकारी विद्यालयों में बच्चों को 6 वर्ष की आयु में प्रवेश मिलता है, जबकि निजी स्कूल 3 वर्ष के बच्चों का भी दाखिला ले रहे हैं, जो RTE के विपरीत है।
चेतावनी दी आंदोलन की
AAP जिलाध्यक्ष सुरेश चंद्र ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार यह आदेश वापस नहीं लेती है, तो पार्टी प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि यह केवल शिक्षा का मुद्दा नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के अधिकार और अवसरों से जुड़ा सवाल है।