वर्ल्ड बैंक के सहयोग से यूपी में शुरू होगा क्लीन एयर मिशन


IIT कानपुर की स्टडी से हुआ खुलासा: ग्रामीण जिले भी प्रदूषण की चपेट में, कुशीनगर सबसे ज्यादा प्रदूषित

लखनऊ। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बनने जा रहा है जो वर्ल्ड बैंक की सहायता से ‘क्लीन एयर प्रोग्राम’ शुरू करेगा। इसका उद्देश्य प्रदेश के शहरी ही नहीं, बल्कि तेजी से प्रदूषित हो रहे ग्रामीण जिलों में भी वायु गुणवत्ता में सुधार लाना है। यह जानकारी बुधवार को लखनऊ में हुए एक तकनीकी सम्मेलन में दी गई, जिसमें IIT कानपुर की ताज़ा स्टडी के नतीजे साझा किए गए।

स्टडी के मुताबिक कुशीनगर, गोंडा, बहराइच, बलिया और अंबेडकरनगर जैसे अपेक्षाकृत ग्रामीण और सीमावर्ती जिले वायु प्रदूषण की गंभीर चपेट में हैं। नवंबर 2024 के आंकड़े बताते हैं कि कुशीनगर में PM2.5 का स्तर 363.0 μg/m³ तक पहुंच गया, जो बेहद खतरनाक माना जाता है।

मीडिया को दिए गए बयान के अनुसार IIT कानपुर के प्रोफेसर सच्चिदानंद त्रिपाठी ने बताया कि यह अध्ययन 830 से अधिक स्थानों से रियल टाइम डेटा जुटाकर किया गया है। इसका मकसद सिर्फ शहरों नहीं, बल्कि गांवों तक की वायु गुणवत्ता का सही मानचित्र तैयार करना है।

इस रिपोर्ट ने एक नई चिंता को जन्म दिया है — अब सिर्फ लखनऊ, कानपुर या नोएडा जैसे शहर ही नहीं, बल्कि पूर्वांचल और तराई क्षेत्र के जिले भी गंभीर प्रदूषण झेल रहे हैं।

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन आरपी सिंह के मुताबिक, “ईंट भट्टे, निर्माण कार्य, कचरा जलाने जैसी गतिविधियां ग्रामीण इलाकों में भी तेजी से प्रदूषण फैला रही हैं।”

राज्य के वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने बताया, “उत्तर प्रदेश की शहरी आबादी के साथ-साथ अब ग्रामीण जनता भी वायु की गुणवत्ता सुधारने की मांग करने लगी है। इसलिए एक समग्र योजना तैयार की गई है जिसे जल्द ही लागू किया जाएगा।”

यह योजना ‘स्वच्छ भारत मिशन’ से जुड़ी एक नई पहल है, जिसे विश्व बैंक फंड करेगा। माना जा रहा है कि यह क्लीन एयर प्रोग्राम देशभर में एक मिसाल बनेगा।