
बलरामपुर/लखनऊ। उत्तर प्रदेश एटीएस ने धर्मांतरण गैंग के सरगना छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन और उसकी महिला मित्र नसरीन को लखनऊ से गिरफ्तार कर 7 दिन की रिमांड पर ले लिया है। ATS प्रमुख अमिताभ यश के अनुसार, पूछताछ में दोनों कई बड़े खुलासे कर रहे हैं। छांगुर के तार पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी गैंग से भी जुड़े पाए गए हैं। आरोप है कि वह विदेश से मिली धर्मांतरण फंडिंग से जमीन की खरीद-फरोख्त कर रहा था।
ATS अब छांगुर के पूरे नेटवर्क, विदेशी फंडिंग, लेन-देन और संपत्ति की जांच कर रही है। एफआईआर की कॉपी ईडी को भी सौंप दी गई है। ATS की प्राथमिक जांच में पता चला है कि यह पूरा सिंडिकेट बेहद सुनियोजित ढंग से धर्मांतरण और जबरन ब्रेनवाश कर लोगों को मुसलमान बनाने के काम में लिप्त था। साथ ही, विरोध करने वालों के खिलाफ पुलिस में झूठे मुकदमे भी दर्ज कराए जाते थे।
छांगुर की कोठी पर चला बुलडोजर, घोड़े-कुत्ते बरामद
बलरामपुर स्थित छांगुर बाबा की 40 कमरों वाली आलीशान कोठी पर दो दिन तक प्रशासन ने बुलडोजर चलाया। बुधवार को 1500 स्क्वायर फीट का अवैध निर्माण ध्वस्त किया गया, जबकि 500 स्क्वायर फीट अब भी ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया में है। कोठी से एक घोड़ा, 6 जर्मन शेफर्ड कुत्ते, विदेशी बाथरूम फिटिंग्स और महंगे ब्रांड्स के सामान बरामद हुए।
गर्लफ्रेंड नसरीन की भी संदिग्ध भूमिका
ATS के अनुसार, छांगुर की गर्लफ्रेंड नसरीन, जो पहले नीतू नवीन रोहरा नाम से जानी जाती थी, बलरामपुर के सिंधी परिवार से ताल्लुक रखती है। 2015 में दुबई जाकर उसने और उसके पति ने धर्म परिवर्तन किया। बाद में वह छांगुर के संपर्क में आई और लखनऊ के स्टार रूम्स होटल में 70 दिनों तक उसके साथ पति-पत्नी की तरह रहकर हिंदू युवतियों का धर्मांतरण और लव जिहाद संचालित करती रही।
धर्मांतरण की आड़ में ब्रेनवॉश और भय का खेल
बताया जा रहा है कि छांगुर बाबा लोगों के दुख-दर्द दूर करने के नाम पर पहले उन्हें झांसे में लेता था, फिर ब्रेनवॉश करता और धर्म बदलवाता। जो व्यक्ति मना करता, उसे झूठे मुकदमे में फंसाकर ब्लैकमेल करता।
अब इन सवालों की हो रही ATS जांच:
विदेशी फंडिंग किन स्रोतों से आई?
खाड़ी देशों से किस-किस से संपर्क रहा?
किन जिलों और राज्यों में फैला है नेटवर्क?
कितनों का कराया जबरन धर्म परिवर्तन?
क्या राजनीतिक या अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन भी है?
सूत्रों के मुताबिक, छांगुर ने बलरामपुर कलेक्ट्रेट के आसपास भी जमीनें खरीदीं। यह भी जांच का विषय है कि इनमें किसी अधिकारी या बिचौलिए की भूमिका रही या नहीं।
ATS इस मामले में और भी कई चेहरों की गिरफ्तारी की संभावना जता रही है।