भारी वर्षा का कृषि पर असर: किसानों के लिए अलर्ट और सुझाव जारी

किसानों के लिए अलर्ट और सुझाव जारी

लखनऊ। आगामी दिनों में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भारी से अति भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के इस अलर्ट के बाद कृषि विशेषज्ञों ने किसानों के लिए कई जरूरी सुझाव जारी किए हैं ताकि फसलें नुकसान से बच सकें। जलभराव और लगातार बारिश के कारण खरीफ की फसलों में भारी नुकसान की आशंका है। ऐसे में फसलों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए किसान आवश्यक एहतियात बरतें।

🌾 गन्ना फसल पर प्रभाव:

भारी बारिश के कारण खेतों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है जिससे गन्ने की बढ़वार रुक सकती है।
सुझाव:

गन्ने के खेतों से जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।

सिंचाई स्थगित रखें।

🌽 खरीफ मक्का:

लगातार वर्षा और जलभराव के कारण पौधों के गिरने का खतरा है, जिससे फसलें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं।
सुझाव:

खेतों से अधिक पानी बाहर निकालें।

जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।

🌾 धान/चावल (रोपाई वाली फसलें):

बारिश और जलभराव से रोपी गई नर्सरी को नुकसान हो सकता है।
सुझाव:

अधिक बारिश के दौरान रोपाई न करें।

खेतों में पानी निकालने की व्यवस्था रखें।

🌱 अरहर, मूंगफली, तिल (बोआई के समय की फसलें):

भारी बारिश के कारण अंकुरण और जमाव पर बुरा असर हो सकता है।
सुझाव:

भारी बारिश के दौरान बोआई टालें।

खेतों में उचित नमी बनाए रखें और जलनिकासी की व्यवस्था करें।

🥬 सब्जी फसलें (पत्तेदार/फूलन/फलन):

अत्यधिक वर्षा से सड़न और फसल क्षति का खतरा।
सुझाव:

सिंचाई रोकें।

जल निकालने की व्यवस्था करें।

केला, पपीता (बागवानी फसलें):

बारिश और जलभराव से पौधे गिर सकते हैं जिससे उत्पादन पर असर पड़ेगा।
सुझाव:

पौधों को गिरने से बचाने के लिए सहारा (स्टेकिंग) दें।

खेतों से पानी बाहर निकालें।