
लखनऊ, 12 जुलाई। आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने शनिवार को लखनऊ के चौक स्थित कन्वेंशन सेंटर में आयोजित मुस्लिम संवाद कार्यक्रम में मुस्लिम समाज से सीधा संवाद करते हुए कहा कि “अब बार-बार ठगे जाने का समय नहीं है, मेरे साथ चलिए।” उन्होंने वक्फ, धार्मिक आजादी, शिक्षा और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर केंद्र और राज्य सरकारों की नीतियों को आड़े हाथों लिया।
चंद्रशेखर ने कहा कि “देश में धार्मिक आधार पर भेदभाव बढ़ रहा है। एक महीने तक कांवड़ यात्रा निकलती है तो कोई सवाल नहीं, लेकिन ईद की नमाज़ में मुसलमान सड़क पर एक पैर भी रखें तो पुलिस पहुंच जाती है।” उन्होंने कहा कि यह सिर्फ संवाद नहीं बल्कि आंदोलन की शुरुआत है, और लखनऊ से नया इतिहास लिखा जाएगा।
संविधान की दुहाई, सरकार पर सीधा सवाल
चंद्रशेखर ने कहा कि भारत का संविधान सभी को समान अधिकार देता है, लेकिन वर्तमान शासन में अल्पसंख्यकों, दलितों और पिछड़ों के साथ अन्याय हो रहा है। धामपुर की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि “मुसलमानों की चाय और नाई की दुकानों को बंद कराया गया, ये संविधान के खिलाफ है। अगर संविधान की रक्षा नहीं कर सकते, तो मुख्यमंत्री को कुर्सी छोड़ देनी चाहिए।”
वक्फ और शिक्षा होंगे चुनावी मुद्दे
चंद्रशेखर ने एलान किया कि पार्टी के आगामी चुनावी घोषणा पत्र में वक्फ और शिक्षा जैसे मुद्दे शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि स्कूलों के मर्ज किए जाने के नाम पर मुस्लिम समाज से शिक्षा छीनी जा रही है और यह साजिश है उन्हें हाशिए पर ले जाने की।
संख्या के अनुपात में हिस्सेदारी
सांसद ने कहा कि उनकी पार्टी टिकट वितरण में “जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी” के सिद्धांत को लागू कर रही है। पंचायत चुनाव में भी इसी आधार पर टिकट दिए जाएंगे। मुस्लिम सम्मेलन के बाद दलित और पिछड़े वर्गों का भी सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, और लोगों को जागरूक करने के लिए घर-घर अभियान चलाया जाएगा।
भविष्य की लड़ाई का ऐलान
उन्होंने कहा कि “अभी संवाद हुआ है, अब संघर्ष होगा।” उन्होंने भाजपा की नीतियों को “नकारात्मक राजनीति” बताया और कहा कि देश को पीछे धकेलने की साजिश हो रही है। चंद्रशेखर ने अपील की कि “भाजपा को हराने में नहीं, आजाद समाज पार्टी को जिताने में ऊर्जा लगाएं।”