
शाहरुख पठान

मुजफ्फरनगर, 14 जुलाई।
मुजफ्फरनगर निवासी कुख्यात अपराधी शाहरुख पठान, जो संजीव जीवा गैंग का शार्प शूटर था, आज एसटीएफ फील्ड यूनिट मेरठ द्वारा थाना छपार क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान घायल अवस्था में पकड़ा गया। उपचार के लिए अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

शाहरुख पठान पर हत्या और रंगदारी के कई गंभीर मामले दर्ज थे। वर्ष 2015 में उसने मुजफ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर पुलिस कस्टडी में एक व्यक्ति की हत्या की थी। जेल में रहते हुए उसका संपर्क संजीव जीवा और मुख्तार अंसारी से हुआ, जिसके बाद वह जीवा गैंग के लिए सक्रिय हो गया।

2016 में फरार होने के बाद उसने 2017 में हरिद्वार में एक कंबल व्यापारी गोल्डी की हत्या की। इसी साल उसने पहले हत्या के मामले में एक गवाह के पिता की भी हत्या कर दी थी, जिसके बाद उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। बाद में वह गिरफ्तार हुआ और जेल गया, जहाँ उसे उम्रकैद की सजा मिली।

करीब छह महीने पहले जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद वह फिर से गवाहों को धमकाने और जान से मारने की कोशिशों में सक्रिय हो गया। संभल में इस संबंध में उस पर एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें वह फरार चल रहा था।

बरामदगी:
शाहरुख पठान के पास से एक 30 एमएम पिस्टल (बरेटा), 32 एमएम रिवाल्वर (ऑर्डिनेंस), 9 एमएम देसी पिस्टल, बिना नंबर की सफेद ब्रेजा कार, 9 एमएम के 7 ज़िंदा कारतूस, 32 एमएम के 10 ज़िंदा कारतूस, 30 एमएम के 46 ज़िंदा कारतूस और 32 एमएम के 6 खोखा कारतूस बरामद किए गए हैं।

अपराधिक इतिहास:
शाहरुख पठान पर मुजफ्फरनगर, हरिद्वार और संभल में हत्या, हत्या के प्रयास, फरारी, गैंग सक्रियता और अवैध हथियारों के मामलों सहित दर्जनों संगीन केस दर्ज थे।
एसटीएफ की इस कार्रवाई से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सक्रिय जीवा गैंग को एक बड़ा झटका लगा है।