लखनऊ: वृंदावन के कथावाचक अनिरुद्धाचार्य पर भड़कीं महिला आयोग अध्यक्ष, कहा — “माफ़ी से नहीं चलेगा काम, हो कड़ी कार्रवाई”

वृंदावन के कथावाचक स्वामी अनिरुद्धाचार्य के विवादित बयान ने नया बवंडर खड़ा

लखनऊ। वृंदावन के कथावाचक स्वामी अनिरुद्धाचार्य के विवादित बयान ने नया बवंडर खड़ा कर दिया है। मथुरा जिले के गौरी गोपाल आश्रम में एक धार्मिक आयोजन के दौरान कथावाचक ने कथित तौर पर कहा कि “25 वर्ष की अविवाहित लड़कियों का चरित्र ठीक नहीं होता, और उनकी शादी 14 वर्ष की उम्र में ही कर देनी चाहिए।” इस बयान को लेकर देशभर की महिलाओं में आक्रोश फैल गया है।

इस बयान ने सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक बवाल मचा दिया है। अब उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने इस पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने इसे महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला और समाज में गलत संदेश देने वाला करार दिया।

विनाश काले विपरीत बुद्धि

बबीता चौहान ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा —
“उन्होंने गंदी और घटिया भाषा का प्रयोग किया है। या तो उनमें बुद्धि नहीं है, या उन्हें कम समय में मिली शोहरत ने अहंकार से भर दिया है। यह ‘विनाश काले विपरीत बुद्धि’ का उदाहरण है। महिलाओं के लिए इससे ज्यादा अपमानजनक शब्द नहीं हो सकते।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि सिर्फ माफ़ी मांग लेने से बात खत्म नहीं होगी, बल्कि इस बयान का संज्ञान लेकर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

अनिरुद्धाचार्य का महिलाओं के प्रति दिया

इस मुद्दे पर कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने भी भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा —
“अनिरुद्धाचार्य का महिलाओं के प्रति दिया गया बयान अत्यंत निंदनीय है। भाजपा और आरएसएस ऐसे लोगों का बचाव करती है, जो महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां करते हैं। क्योंकि भाजपा और संघ को महिलाओं का सम्मान नहीं, बल्कि अपमान करने वाले ही पसंद हैं।”

इस विवाद के केंद्र में आए कथावाचक स्वामी अनिरुद्धाचार्य पर देशभर में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। महिला संगठनों ने भी उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं और कई जगहों पर एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी हो रही है।

अब यह देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस बयान को लेकर क्या कदम उठाते हैं। लेकिन यह स्पष्ट है कि यह बयान केवल धार्मिक सीमाओं तक सीमित नहीं रहा — यह सामाजिक चेतना, महिला सम्मान और कानूनी मर्यादा से सीधे टकरा रहा है।