
वाराणसी/लखनऊ | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अपने 51वें काशी दौरे के दौरान एक साथ कई बड़ी घोषणाएं और योजनाओं की शुरुआत की। इस ऐतिहासिक दौरे में उन्होंने जहां 9.7 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) की 20वीं किस्त के तहत 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की, वहीं 2,200 करोड़ रुपये के 52 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “काशी के मेरे मालिकों, सावन का महीना हो, बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद हो और देश के अन्नदाता किसानों से जुड़ने का अवसर — इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है। मैं यहां काशी में एक विशेष भाव लेकर आया हूं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि वह ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पहली बार काशी आए हैं और इसे बाबा विश्वनाथ के चरणों में समर्पित करने आए हैं। उन्होंने कहा कि “मैंने बेटियों के सिंदूर का जो वचन लिया था, वह आज पूरा हुआ है। यह सिर्फ एक कार्रवाई नहीं, बल्कि देश की बेटियों की अस्मिता की रक्षा का संकल्प था।”
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री ने अपने उद्बोधन में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख किया, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि वह घटना उन्हें भीतर तक झकझोर गई थी और उन्होंने उसी दिन बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना की थी कि पीड़ित परिवारों को यह दुख सहने की शक्ति मिले।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “मैंने उस दिन ही प्रण लिया था कि बेटियों के सिंदूर का बदला लिया जाएगा। महादेव के आशीर्वाद और सुरक्षा बलों के साहस के बल पर यह ऑपरेशन सफल रहा। आज मैं उसकी सफलता को बाबा के चरणों में समर्पित करता हूं।”
किसानों के लिए ऐतिहासिक दिन
प्रधानमंत्री ने वाराणसी से देशभर के 9.7 करोड़ किसानों को सम्मान निधि की 20वीं किस्त के तहत 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि उनके खातों में ट्रांसफर कर दी। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत 2019 में हुई थी और अब तक इसके माध्यम से कुल 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक किसानों को प्रदान किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा, “देश का किसान आत्मनिर्भर भारत का मजबूत स्तंभ है। यह योजना सिर्फ धनराशि नहीं, बल्कि हमारे अन्नदाता के परिश्रम का सम्मान है। हमारा लक्ष्य है कि हर किसान के जीवन में स्थायित्व और समृद्धि आए।”
दालमंडी प्रोजेक्ट: काशी के लिए नया रास्ता
प्रधानमंत्री ने इस दौरे में काशी के दालमंडी प्रोजेक्ट की आधारशिला भी रखी, जो काशी विश्वनाथ मंदिर को एक नए वैकल्पिक और सुविधाजनक रास्ते से जोड़ेगा। इससे न केवल श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी, बल्कि पर्यटन के लिहाज से भी काशी की व्यवस्था और बेहतर होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह परियोजना काशी के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्वरूप को संजोते हुए भविष्य के लिए मजबूत आधार तैयार करेगी। उन्होंने दालमंडी के स्थानीय व्यापारियों, नागरिकों और युवा कारीगरों से इस परिवर्तन को स्वीकार करते हुए सहयोग करने की अपील की।
मुख्यमंत्री योगी ने किया स्वागत
सभा स्थल पर प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी में उपस्थित हैं, तब यह केवल एक विकास यात्रा नहीं बल्कि भारत की सुरक्षा, गौरव और गरिमा का प्रतीक भी है। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए नया भारत यह दिखा रहा है कि अब आतंकवाद को उसी की भाषा में जवाब दिया जाता है।”
सीएम योगी ने प्रधानमंत्री की काशी से जुड़ी संवेदनाओं और विकास की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि यह शहर अब आध्यात्म और विकास का संतुलित संगम बन चुका है।
बारिश में भी नहीं डिगा जनसमर्थन
प्रधानमंत्री की जनसभा से लगभग एक घंटे पहले ही वाराणसी में झमाझम बारिश शुरू हो गई थी। लेकिन बारिश भी लोगों के उत्साह में कमी नहीं ला सकी। सभा स्थल पर 50,000 से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई थी, और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, किसान, महिलाएं और स्थानीय नागरिक प्रधानमंत्री को सुनने के लिए भीगते हुए पहुंचे।
इस दृश्य ने प्रधानमंत्री को भी भावुक कर दिया। उन्होंने मंच से कहा, “काशी की जनता का यह प्रेम, यह समर्पण ही मेरी सबसे बड़ी ताकत है। इसी ऊर्जा से मैं देश के लिए दिन-रात काम करता हूं।”
सुरक्षा और विरोध के मामले
जहां एक ओर जनसभा में हजारों लोग उमड़े, वहीं सभा स्थल पर काले कपड़े पहनकर आए लोगों को प्रवेश नहीं दिया गया। प्रशासन ने इसे सुरक्षा कारणों से जरूरी बताया। इसी के साथ समाजवादी पार्टी के नेता अजय फौजी ने सोशल मीडिया पर आरोप लगाया कि उन्हें पुलिस ने घर से ही गिरफ्तार कर लिया और चौकी में बैठा दिया गया।
बाबा साहब अंबेडकर वाहिनी के जिलाध्यक्ष जितेंद्र यादव मलिक को भी रामनगर पुलिस द्वारा हाउस अरेस्ट किए जाने की खबर सामने आई। इन घटनाओं को लेकर विपक्ष ने सरकार पर विरोध की आवाज़ दबाने का आरोप लगाया है, हालांकि प्रशासन ने इसे कानून-व्यवस्था का हिस्सा बताया है।
काशी दौरे का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। यह उनका प्रधानमंत्री के रूप में काशी का 51वां दौरा था और तीसरे कार्यकाल में तीसरी बार वह अपने संसदीय क्षेत्र आए। उनके इस दौरे ने न केवल विकास के नए आयाम खोले, बल्कि देश को यह संदेश भी दिया कि केंद्र सरकार सुरक्षा, कृषि और सांस्कृतिक विरासत — तीनों मोर्चों पर पूरी गंभीरता से काम कर रही है।
काशी की जनता से जुड़े प्रधानमंत्री ने अपने उद्बोधन के अंत में फिर से कहा, “काशी के मेरे मालिकों, आपने मुझ पर जो विश्वास रखा है, मैं उसे हर पल निभाने का प्रयास करता हूं। यह शहर सिर्फ मेरा संसदीय क्षेत्र नहीं, मेरी आत्मा का हिस्सा है।”