SSC: SSC विवाद पर छात्रों का गुस्सा, जब परीक्षा ही न हो.. तो मेहनत का क्या मतलब?

SSC: आपने सालों तक मेहनत की, किताबों से दोस्ती कर ली, सपनों को सिर्फ सरकारी नौकरी का नाम दे दिया और फिर जिस दिन परीक्षा होनी थी, उसी दिन सर्वर बैठ जाए, सेंटर पर कुर्सी न हो और आवाज़ उठाने पर जवाब मिले लाठी और चुप्पी। यही है भारत की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा की सच्चाई छात्र अब सिर्फ पेपर देकर नहीं, अपनी परीक्षा कराने के लिए भी लड़ेंगे, और सबसे अहम सवाल SSC और सरकार अब भी चुप दिखाई दे रहे हैं

SSC: SSC की ये कैसी लापरवाही?

गुरुवार को दिल्ली का जंतर-मंतर और CGO कॉम्प्लेक्स छात्रों के नारों से गूंज उठा। वजह SSC Phase-13 की परीक्षा में भारी गड़बड़ियां। हजारों की संख्या में छात्र एक ही सवाल लेकर सड़कों पर उतरे जब परीक्षा ही नहीं हो रही, तो मेहनत का मतलब कुछ नहीं रह जाता है

इस विरोध की एक खास बात रही शिक्षिका नीतू मैम, सहित तमाम टीचर्स जिनके यूट्यूब वीडियो लाखों स्टूडेंट्स देखते हैं, वो खुद छात्रों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुईं। साथ ही उनका कहना है , जब छात्रों का भविष्य अंधेरे में हो, तो शिक्षक का धर्म है उनके साथ खड़ा होना। तमाम मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने नीतू मैम पर भी लाठी चलाई। यह सिर्फ परीक्षा नहीं, अब ये भरोसे और व्यवस्था की लड़ाई बन चुकी है।

ऐसे में सवाल यह भी है SSC ने गड़बड़ी करने वाली एजेंसी को ठेका दे दिया, वही छात्रों का सबसे बड़ा आरोप है, SSC ने इस बार एक नई परीक्षा एजेंसी को चुना, जो पिछली बार UPSC जैसी परीक्षा में भी फेल हो चुकी थी। कहीं सर्वर डाउन, कहीं कुर्सियां नहीं थीं, कुछ जगह परीक्षा शुरू ही नहीं हुई छात्रों की मांग है कि इस एजेंसी का ठेका तुरंत रद्द किया जाए।

छात्रों का आरोप है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। कई छात्र और शिक्षक घायल हुए। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में छात्र कहते दिखे हमने सोचा था कि सिस्टम सुनता है लेकिन यहां तो हमें चुप कराने के लिए डंडे दिए जा रहे हैं।

छात्रों की मांगें क्या हैं?
परीक्षा आयोजन में गड़बड़ियों की जांच हो
वेंडर को हटाया जाए, नई सक्षम एजेंसी आए
रद्द परीक्षाओं की नई तारीख तुरंत घोषित हो
परीक्षा केंद्रों पर सर्विलांस और निगरानी सिस्टम लागू हो
छात्रों और शिक्षकों पर हुए लाठीचार्ज की जांच हो
सरकार इस पर सीधा हस्तक्षेप करे

ट्विटर (X), इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर ये आंदोलन तेज़ी से वायरल हो रहा है।
ट्रेंड कर रहे हैं हैशटैग्स,…. #SSCMisManagement,…. #SystemSudharoSSC,…. #JusticeForAspirants

नीतू मैम के साथ कई अन्य कोचिंग टीचर्स, यूट्यूब एजुकेटर्स भी समर्थन में आए, उन्होंने कहा कि यह सिर्फ परीक्षा नहीं, युवा वर्ग के साथ किया जा रहा अन्याय है, सोशल मीडिया लाइव्स, रील्स और यूट्यूब लाइव से ये आवाज़ देशभर में पहुंच रही है।

SSC और सरकार से सीधे सवाल की आखिर, SSC अब तक चुप क्यों है, क्या गड़बड़ी करने वाली एजेंसी को बचाया जा रहा है, रद्द परीक्षाओं की नई तारीखें क्यों नहीं घोषित की गईं, क्या लाठीचार्ज छात्रों की गलती थी या सिस्टम की, जब छात्र पीड़ित हैं, तो सरकार मूकदर्शक क्यों बनी है

जब देश के नौजवान सड़क पर उतरते हैं, तो ये सिर्फ प्रदर्शन नहीं होता, ये व्यवस्था पर एक तमाचा होता है।
आज ये छात्र पूछ रहे हैं, हम पढ़ाई करें या सिस्टम से लड़ें, सरकार और SSC को यह समझना होगा कि ये सिर्फ परीक्षा की बात नहीं, विश्वास की परीक्षा है जो अगर फेल हुई, तो पूरा भविष्य हार जाएगा।