मैलानी में पकड़वाए गए बंदर, पर बहुत से अब भी कर रहे आतंक, समाधान नदारद

मैलानी (खीरी), 5 अगस्त — मैलानी नगर में कुछ बंदरों को पकड़वाने की कवायद की गई थी, लेकिन उसका असर नगण्य रहा। न सिर्फ बंदरों की संख्या में कोई विशेष कमी नजर नहीं आई, बल्कि इनका उत्पात और हमले लगातार जारी हैं। अब तक कई लोग इनकी हिंसा का शिकार होकर घायल हो चुके हैं और आगे भी खतरा बना हुआ है।

बंदर पकड़ने के लिए बाहर से एक टीम जरूर आई थी, लेकिन स्थानीय वन विभाग सहित जिम्मेदार अधिकारी गहरी नींद में प्रतीत हुए। फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी हों या नगर प्रशासन—जिम्मेदारी किसी ने भी नहीं ली।

हालांकि कुछ नागरिकों ने धार्मिक भावना से प्रेरित होकर बंदरों को खाना खिलाना शुरू किया था, लेकिन अब यही आदत बंदरों को इंसानी बस्तियों में टिकाए हुए है। अगर इन्हें भोजन देना बंद कर दिया जाए, तो शायद ये जंगलों की ओर लौट जाएं, लेकिन ऐसी सामाजिक जागरूकता की उम्मीद फिलहाल क्षीण दिखती है।

बंदर अब नगर और ग्रामीण इलाकों में खुलकर उत्पात मचा रहे हैं। कभी छत पर, तो कभी सड़कों पर हमला कर रहे हैं। महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग खासे डरे हुए हैं।

रेंजर साजिद हुसैन से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि नगर क्षेत्र से बंदर पकड़वाना वन विभाग का नहीं, बल्कि नगर पंचायत अध्यक्ष का दायित्व है। वहीं, नगर पंचायत के अन्य जिम्मेदार लोगों से संपर्क करना संभव नहीं हो पाया—क्योंकि कोई कॉल उठाने को तैयार नहीं।