सहकारी समिति पर ताले, खाद के लाले

सिंगाही (खीरी), 5 अगस्त – ग्राम सिंगहा खुर्द में बनी सहकारी समिति किसानों के लिए लाभ का नहीं, बल्कि परेशानी का कारण बन गई है। समिति की स्थापना किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई थी, लेकिन हकीकत में यह केवल कागज़ों तक सीमित रह गई है।

स्थानीय किसानों का कहना है कि समिति खुलती ही नहीं। केवल एक बार खाद का वितरण हुआ था और वह भी सिर्फ फोन करके सूचना मिलने पर। इसके बाद से समिति में हमेशा ताला लटका रहता है। किसान जब भी समय निकालकर खाद लेने समिति पहुंचते हैं, तो उन्हें निराश लौटना पड़ता है।

ब्लॉक निघासन की ग्राम पंचायत सिंगहा कला के मजरा सिंगहा खुर्द में स्थित यह समिति आज तक किसानों को न डीएपी दे पाई, न यूरिया। इस कारण से किसानों को बाज़ार से महंगे दामों पर खाद खरीदनी पड़ रही है, जिससे उनकी आर्थिक हालत और बिगड़ रही है।

किसान वीरेंद्र निषाद ने बताया कि गांव में समिति होते हुए भी खाद के लिए भटकना पड़ रहा है। वहीं झब्बू लाल तिवारी ने कहा कि समिति बनी ज़रूर है, लेकिन चलती नहीं। ना खुलने का समय तय है, ना सूचना दी जाती है।

ग्रामीणों की मांग है कि समिति को सक्रिय किया जाए और किसानों को राहत दी जाए। वरना यह सहकारी प्रणाली किसानों की मदद करने की बजाय उनकी तकलीफें बढ़ा रही है।