
लखनऊ, 9 अगस्त। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह के समापन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रभक्ति, स्वदेशी अपनाने और देश के लिए जीने-मरने के संकल्प का आह्वान किया। समारोह में उन्होंने काकोरी क्रांतिकारियों को नमन करते हुए उपस्थित जनसमूह से अपील की कि वे विदेशी वस्तुओं का परित्याग कर स्वदेशी को अपनाएं, हर घर में तिरंगा फहराएं और हर भारतवासी के मन में राष्ट्रभक्ति का भाव जागृत करें। उन्होंने कहा, “स्वदेशी हमारे जीवन का ध्येय बने, स्वदेशी हमारे जीवन का मंत्र बने। हम जियेंगे स्वदेशी के लिए, हम मरेंगे अपने देश के लिए।” उन्होंने यह भी कहा कि जब भारत इस राष्ट्रभक्ति की भावना के साथ आगे बढ़ेगा तो कोई भी ताकत भारत को नुकसान नहीं पहुंचा सकेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में काकोरी ट्रेन एक्शन में शामिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और एक पीपल का पौधा भी लगाया। उन्होंने छोटी बालिकाओं के हाथों राखी बंधवाकर रक्षाबंधन पर्व की शुभकामनाएं दीं और उन्हें उपहारस्वरूप मिठाई व चॉकलेट भेंट की। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर बनाए गए म्यूजियम में जाकर फोटो खिंचवाए और सेल्फी भी ली। कार्यक्रम में उपस्थित शहीद सैनिकों के परिजनों को मंच पर सम्मानित किया गया। साथ ही, काकोरी ट्रेन एक्शन पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से काकोरी की ऐतिहासिक घटना को जीवंत रूप में दर्शाया गया।

अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने 9 अगस्त 1925 को घटित काकोरी ट्रेन एक्शन का विस्तार से उल्लेख करते हुए बताया कि किस प्रकार देश के महान सपूतों ने ब्रिटिश हुकूमत के खजाने पर कब्जा कर उस धन का उपयोग स्वतंत्रता संग्राम के लिए किया। उन्होंने कहा कि उन क्रांतिकारियों ने केवल ₹4600 लूटे थे, लेकिन ब्रिटिश सरकार ने उन्हें पकड़ने के लिए ₹10 लाख से अधिक खर्च किए। उन वीरों में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां, ठाकुर रोशन सिंह, राजेंद्रनाथ लाहिड़ी जैसे क्रांतिकारी शामिल थे जिन्हें ब्रिटिश हुकूमत ने बिना उचित सुनवाई के फांसी पर चढ़ा दिया। चंद्रशेखर आज़ाद ब्रिटिश हुकूमत के हाथ नहीं आए और अंततः वीरगति को प्राप्त हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समारोह उन वीर सपूतों की याद में एक पवित्र अवसर है जो आज की पीढ़ी के लिए नई प्रेरणा बनकर सामने आता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज आवश्यकता इस बात की है कि हर भारतीय अपने भीतर राष्ट्रभक्ति की भावना को पुनः प्रतिष्ठित करे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 13 से 15 अगस्त के बीच हर घर पर तिरंगा फहराया जाए, हर नगर, गांव, वार्ड और गली में तिरंगा यात्रा निकाली जाए, ताकि राष्ट्रप्रेम की भावना को जन-जन तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह अभियान केवल एक प्रतीक नहीं, बल्कि एक जनांदोलन है, जो देश को जोड़ने, राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने और विभाजनकारी शक्तियों को विफल करने का कार्य करेगा।

सीएम योगी ने देश की सुरक्षा और सैन्य शौर्य का उल्लेख करते हुए हालिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब हाल ही में दुश्मन देश ने भारत पर हमले की कोशिश की, तब हमारे बहादुर सैनिकों ने तत्परता से उसका जवाब देकर भारत के सामर्थ्य और शौर्य को साबित कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की सेना का साहस और त्याग पूरे देश के लिए गर्व की बात है, और प्रत्येक भारतवासी को इस पर गर्व है।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार और स्वदेशी के प्रयोग पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि जब हम विदेशी उत्पाद खरीदते हैं, तो हमारा पैसा विदेश जाता है और कभी-कभी वही धन आतंकवाद व उग्रवाद में प्रयुक्त होता है। उन्होंने आग्रह किया कि आगामी त्योहारों जैसे रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, दशहरा, दीपावली और छठ के दौरान केवल स्वदेशी उत्पाद ही उपहार में दें और खरीदें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देते हैं, तो देश के कारीगरों और हस्तशिल्पियों को काम मिलता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। उन्होंने कहा कि हम जो भी उपहार या सामान खरीदें, वह भले ही थोड़ा महंगा हो, लेकिन यदि वह स्वदेशी हो, तो देश के लिए वह सबसे बड़ा योगदान होगा।
मुख्यमंत्री ने 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर सभी उत्तर प्रदेशवासियों से अपील की कि वे गांधी आश्रम जाकर खादी खरीदने का संकल्प लें और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा कि यह महज वस्त्र नहीं, बल्कि विचार है, और इसके जरिए हम अपने राष्ट्रनिर्माण में भागीदारी निभा सकते हैं।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग देश की आजादी के लिए बलिदान हुए, उनके सपनों का भारत बनाना अब हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने काकोरी आंदोलन से जुड़े क्रांतिकारियों और वर्तमान में देश की सेवा में लगे वीर सैनिकों के परिजनों को मंच से सम्मानित किया और कहा कि उनकी सेवा और त्याग को नमन करना हम सबका कर्तव्य है। उन्होंने इस मौके पर घोषणा की कि लखनऊ के मलिहाबाद के आम को ‘काकोरी’ ब्रांड बनाकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचाया जाएगा, ताकि इससे क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि दी जा सके और स्थानीय किसानों के जीवन में भी समृद्धि लाई जा सके।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वतंत्रता सेनानियों के स्मारकों के पुनरुद्धार का कार्य कर रही है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को उनके बलिदान की जानकारी मिल सके। उन्होंने मैनपुरी एक्शन (1915), चौरी-चौरा कांड (1922) और काकोरी ट्रेन एक्शन (1925) जैसे आंदोलनों को याद करते हुए कहा कि आजादी की हर सफलता के पीछे बलिदानों की कीमत होती है और हमारे पूर्वजों ने यह कीमत चुकाई है। अब हमारा कर्तव्य है कि हम उनके आदर्शों को जीवित रखें और उनके दिखाए मार्ग पर चलकर देश को और समृद्ध बनाएं।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल, प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम , वरिष्ठ अधिकारी, स्वतंत्रता सेनानियों के परिजन और हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं व गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। आयोजन स्थल को स्वतंत्रता संग्राम की झलकियों से सजाया गया था और वहां पर शहीदों की गैलरी भी लगाई गई थी, जिसमें काकोरी ट्रेन एक्शन में शामिल सभी क्रांतिकारियों के चित्र, दस्तावेज और स्मृतियाँ प्रदर्शित की गई थीं। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रगान के साथ सभी उपस्थित लोगों ने खड़े होकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और राष्ट्रभक्ति के संकल्प को दोहराया।