
लखीमपुर खीरी,देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में अमर गाथा बन चुकी काकोरी ट्रेन एक्शन की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर जनपद लखीमपुर खीरी में शताब्दी महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम देशभक्ति, ऐतिहासिक स्मृति और गौरव का अद्भुत संगम बनकर उभरा। इस महोत्सव ने न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि दी, बल्कि नई पीढ़ी को उनके बलिदान की प्रेरणा से जोड़ने का भी कार्य किया।
वीर शहीदों को नमन: स्मारक स्थल पर भावभीनी श्रद्धांजलि
शुक्रवार सुबह “वीर शहीदों को नमन” कार्यक्रम का आयोजन शहीद स्मारक स्थल पर किया गया, जहां जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में देश के वीर सपूतों को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए गए। जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल और मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक कुमार ने अधिकारियों संग शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर अपने कृतज्ञ भाव प्रकट किए।
डीएम ने अपने संबोधन में कहा,
“काकोरी ट्रेन एक्शन स्वतंत्रता संग्राम का वह अमर अध्याय है जिसने देशवासियों के मन में आत्मबल और जिम्मेदारी का बोध जगाया।“
वहीं, सीडीओ अभिषेक कुमार ने कहा,
“यह घटना केवल एक षड्यंत्र नहीं थी, बल्कि ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध साहस का प्रतीक थी, जो हमेशा राष्ट्र की स्मृति में अमर रहेगी।“
प्रभात फेरी से गूंजा देशभक्ति का उद्घोष
इस ऐतिहासिक दिवस की शुरुआत छात्रों की प्रभात फेरी से हुई, जिसमें जीआईसी, आर्य कन्या इंटर कॉलेज, गुरुनानक इंटर कॉलेज और अन्य विद्यालयों के सैकड़ों विद्यार्थियों ने भाग लिया। वंदे मातरम् और भारत माता की जय के नारों से पूरा शहर देशभक्ति के रंग में रंग गया। बच्चे पारंपरिक परिधान में हाथों में तिरंगा लिए मार्च करते रहे, साथ ही शिक्षकों और एनसीसी कैडेट्स ने भी उनकी सहभागिता को मजबूती दी।
मुख्य कार्यक्रम का उद्घाटन: जनप्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति
मुख्य समारोह राजकीय कन्या इंटर कॉलेज (जीजीआईसी) परिसर में आयोजित किया गया, जहाँ क्षेत्रीय विधायक विनोद शंकर अवस्थी एवं सीडीओ अभिषेक कुमार ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्होंने भारतीय परंपरा अनुसार कार्यक्रम की शुरुआत की।
विधायक अवस्थी ने अपने संबोधन में कहा:
“यह अवसर ज्ञात और अज्ञात शहीदों के बलिदान को स्मरण करने और उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करने का है।“
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल की सराहना की, जिसमें उन्होंने काकोरी कांड को “काकोरी ट्रेन एक्शन” नाम देकर इस घटना को नई पहचान दी है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लाइव संबोधन भी दिखाया गया, जिसे उपस्थित जनसमूह ने गहनता से सुना और सराहा।
स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया गया
कार्यक्रम की विशेष बात यह रही कि इसमें स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान केवल प्रतीकात्मक नहीं था, बल्कि एक सामाजिक संदेश था कि देश कभी भी अपने वीरों के त्याग को नहीं भूल सकता।
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं डीआईओएस श्री विनोद कुमार मिश्र ने सभी अतिथियों, विद्यालयों और विद्यार्थियों को सफल आयोजन में सहभागिता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
प्रतियोगिताओं के माध्यम से प्रतिभा और देशभक्ति का संगम
महोत्सव के अंतर्गत भाषण, निबंध लेखन, चित्रकला और पोस्टर प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिनमें जिले के अनेक विद्यालयों के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतियोगिताओं का विषय स्वतंत्रता संग्राम, काकोरी एक्शन और देशभक्ति से संबंधित था, जिसने छात्रों को ऐतिहासिक तथ्यों को जानने और उसे कलात्मक रूप से प्रस्तुत करने का अवसर दिया।
विजयी प्रतिभागियों को मंच पर प्रमाणपत्र एवं पुरस्कार प्रदान किए गए। छात्रों के आत्मविश्वास और उत्साह ने यह साबित कर दिया कि आने वाली पीढ़ी आज भी अपने इतिहास और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को सजीव मानती है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम: देशभक्ति गीतों और नृत्यों की भव्य प्रस्तुति
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, जो संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश और जिले के प्रमुख विद्यालयों द्वारा प्रस्तुत की गईं। देशभक्ति से ओतप्रोत नृत्य, गीत और लघु नाटिकाओं ने उपस्थित सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
जीजीआईसी, कुंवर खुशवक्तराय इंटर कॉलेज, आर्य कन्या इंटर कॉलेज और गुरुनानक इंटर कॉलेज की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति गीतों और नृत्यों ने सभागार में तालियों की गूंज भर दी। विशेष रूप से एक नाट्य प्रस्तुति में काकोरी ट्रेन एक्शन की नाट्य रूपांतरण ने दर्शकों को भावुक कर दिया।
जनपद में उत्सव का वातावरण: एक ऐतिहासिक पुनर्स्मरण
काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव केवल एक सरकारी आयोजन न होकर जनपद का जन-उत्सव बन गया। जगह-जगह तिरंगे लहराए गए, स्कूलों में नारे गूंजे, नगर में झांकियाँ निकलीं और पूरा माहौल राष्ट्रभक्ति में डूबा रहा।
इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि इतिहास केवल किताबों में सीमित नहीं होता, वह जब जनचेतना से जुड़ता है, तो उसका प्रभाव दीर्घकालिक होता है। काकोरी जैसी घटनाएँ जब जनपदों में जीवंत होती हैं, तो वह नई चेतना और प्रेरणा का संचार करती हैं।
निष्कर्ष: शताब्दी महोत्सव बना एक प्रेरणादायक इतिहास पाठ
काकोरी ट्रेन एक्शन के 100 वर्ष पूर्ण होने पर लखीमपुर खीरी जनपद ने जिस तरह से श्रद्धांजलि दी, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा। यह आयोजन केवल एक दिन का नहीं था, बल्कि वह चेतना थी जो यह सिखाती है कि आज़ादी की कीमत क्या होती है, और उसे बनाए रखने की जिम्मेदारी किसकी है।
यह आयोजन इतिहास के पुनर्स्मरण का एक सफल प्रयास रहा, जिसमें बच्चों, युवाओं, शिक्षकों, प्रशासन और समाज के सभी वर्गों ने अपनी सक्रिय सहभागिता दी। देश के लिए मर मिटने वाले उन वीर सपूतों को यह सच्ची श्रद्धांजलि थी — नमन उस वीरता को, नमन उस बलिदान को।