
लखनऊ – आज़ादी के अमृत महोत्सव की भावना और स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर छावनी परिषद लखनऊ द्वारा आयोजित तिरंगा यात्रा का भव्य शुभारंभ 13 अगस्त 2025 को बड़े हर्ष, उल्लास और देशभक्ति के उमंग भरे माहौल में किया गया। यह ऐतिहासिक अवसर न केवल लखनऊ छावनी क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गौरव का क्षण रहा, जब सैकड़ों नागरिक, विद्यार्थी, कर्मचारी और गणमान्यजन एक साथ राष्ट्रध्वज तिरंगे की शान में सड़क पर उतरे और देशभक्ति का अद्भुत संदेश दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह निर्धारित समय पर छावनी परिषद कार्यालय परिसर से हुआ। चारों ओर तिरंगे की पताकाएं लहरा रही थीं, बच्चे हाथों में छोटे-छोटे झंडे लिए ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ के नारों से वातावरण को देशभक्ति के रंग में रंग रहे थे। रैली में शामिल लोग पारंपरिक एवं सांस्कृतिक परिधानों में सुसज्जित थे, जिससे कार्यक्रम का दृश्य और भी मनोहारी बन गया।
इस आयोजन की मुख्य अतिथि रक्षा सम्पदा मध्य कमान की प्रधान निदेशक भावना सिंह रहीं, जिन्होंने तिरंगा यात्रा का शुभारंभ राष्ट्रध्वज को सलामी देकर किया। उनके साथ निदेशक एन. वी. सत्यानारायण, रक्षा सम्पदा अधिकारी लखनऊ वृत्त प्रोमिला जायसवाल, संयुक्त निदेशक अजय कुमार, उपनिदेशक उमेश पारिख, मुख्य अधिशासी अधिकारी अभिषेक राठौर और उप मुख्य अधिशासी अधिकारी आर. पी. सिंह भी मौजूद रहे। इन सभी अधिकारियों की उपस्थिति ने इस आयोजन की गरिमा को और बढ़ा दिया।
रक्षा मंत्रालय भारत सरकार के नामित सदस्य प्रमोद शर्मा ने रैली का नेतृत्व करते हुए उपस्थित जनसमुदाय को एकजुटता और राष्ट्र सेवा का संदेश दिया। उन्होंने कहा, “देश की आन, बान और शान के प्रतीक तिरंगे के साथ हमारा यह संकल्प है कि हम एकजुट रहकर राष्ट्र की सेवा में सदैव तत्पर रहें। तिरंगा न केवल हमारी स्वतंत्रता का प्रतीक है, बल्कि यह हमें देश की एकता, अखंडता और त्याग की प्रेरणा भी देता है।”
तिरंगा यात्रा छावनी परिषद कार्यालय से शुरू होकर मुख्य बाजार, विद्यालय क्षेत्र, सैन्य आवासीय इलाकों और प्रमुख चौक-चौराहों से होती हुई पुनः कार्यालय परिसर में संपन्न हुई। रैली के दौरान जगह-जगह स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने पुष्पवर्षा कर प्रतिभागियों का स्वागत किया। बच्चों और युवाओं में इस यात्रा को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिला।
इस अवसर पर छावनी के गणमान्य व्यक्तियों में प्रताप सिंह बाल्मीकि, धीरज सिंह, विवेक शर्मा, नितिन आर्य और विकास धानुक भी उपस्थित रहे, जिन्होंने देशभक्ति गीतों के माध्यम से जनसमुदाय को प्रेरित किया। विद्यालयों के बच्चों ने ‘जन गण मन’ और ‘सारे जहां से अच्छा’ जैसे राष्ट्रगान व देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी, जिससे पूरा वातावरण गूंज उठा।
रैली में शामिल विद्यालयों की प्रधानाचार्य एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं ने अपने छात्रों के साथ मिलकर अनुशासित एवं उत्साहपूर्ण तरीके से भाग लिया। उन्होंने बच्चों को तिरंगे के महत्व, उसके तीन रंगों की प्रतीकात्मकता और इसे सम्मानपूर्वक फहराने के नियमों के बारे में भी जानकारी दी।
छावनी परिषद के कर्मचारीगण, स्थानीय स्वयंसेवी संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। उन्होंने न केवल इस कार्यक्रम की सफलता में योगदान दिया, बल्कि यातायात व्यवस्था, सुरक्षा और स्वच्छता बनाए रखने में भी सहयोग किया।
तिरंगा यात्रा के मार्ग पर कई स्थानों पर सांस्कृतिक झांकियां भी प्रदर्शित की गईं, जिनमें स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण क्षणों, वीर सपूतों के बलिदान और देश की प्रगति की झलक प्रस्तुत की गई। इन झांकियों ने लोगों को भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के संघर्ष और बलिदान की याद दिलाई।
कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि भावना सिंह ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल देशभक्ति की भावना को जागृत करते हैं, बल्कि समाज को एकता और सद्भाव के सूत्र में बांधते हैं। उन्होंने छावनी परिषद लखनऊ के अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी मेहनत और समर्पण से यह तिरंगा यात्रा एक यादगार आयोजन बन पाई है।
मुख्य अधिशासी अधिकारी अभिषेक राठौर ने भी सभी नागरिकों, स्कूलों, स्वयंसेवी संस्थाओं और प्रशासनिक सहयोगियों का धन्यवाद किया और कहा कि भविष्य में भी ऐसे राष्ट्रप्रेम से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
यह तिरंगा यात्रा न केवल एक आयोजन थी, बल्कि यह एक संदेश था—एक ऐसा संदेश जो हर नागरिक के दिल में देश के प्रति गर्व, समर्पण और जिम्मेदारी की भावना को और मजबूत करता है। जिस प्रकार विभिन्न वर्गों, आयु समूहों और पृष्ठभूमियों के लोग इस यात्रा में एक साथ शामिल हुए, उसने यह साबित कर दिया कि भारत की असली ताकत उसकी एकता और विविधता में है।
इस आयोजन ने न केवल छावनी क्षेत्र बल्कि पूरे लखनऊ में देशभक्ति की लहर दौड़ा दी। यह तिरंगा यात्रा आने वाले वर्षों तक लोगों की स्मृतियों में जीवंत रहेगी और हर बार तिरंगा लहराने पर इस दिन की प्रेरणा उन्हें याद दिलाती रहेगी।