
लखनऊ। उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में सोमवार को 15 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन प्रस्तावों में शहरी परिवहन, आउटसोर्सिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, निर्यात प्रोत्साहन और शिक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय शामिल हैं।
कैबिनेट ने नगर विकास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए लखनऊ और कानपुर में ई-बस सेवा शुरू करने का फैसला लिया। दोनों शहरों में 10-10 रूटों पर ई-बसों का संचालन होगा।
आउटसोर्सिंग व्यवस्था को लेकर भी बड़ा निर्णय हुआ। उत्तर प्रदेश आउटसोर्सिंग सेवा निगम संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी मिली, जिसके तहत नियमित पदों के सापेक्ष आउटसोर्सिंग भर्ती नहीं की जाएगी।
आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग की 6 वर्षीय नई इलेक्ट्रॉनिक नीति को भी स्वीकृति दी गई। इसके तहत 11 कॉम्पोनेंट्स में से डिस्प्ले, कैमरा मॉड्यूल, मल्टीलेयर पीसीबी आदि के मैन्युफैक्चरिंग को विशेष लाभ मिलेगा।
कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन नीति 2025-30 को मंजूरी दी। इसके तहत 882 करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान है।
शिक्षा क्षेत्र में एक और अहम फैसला लेते हुए शाहजहांपुर में स्वामी शुकदेवानंद राजकीय विश्वविद्यालय की स्थापना को हरी झंडी दी गई।
इसके अलावा, वाराणसी के परगना रामनगर स्थित तीन एकड़ भूमि पर समेकित क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना हेतु निःशुल्क भूमि हस्तांतरण का प्रस्ताव भी पारित हुआ। यह केंद्र दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार को सौंपा जाएगा।