
फतेहपुर-बाराबंकी। कस्बा बेलहरा क्षेत्र स्थित श्री चंद्र प्रभु दिगंबर जैन मंदिर में दशलक्षण पर्व के छठे दिन सयंम धर्म और सुगंध दशमी बड़े ही धूमधाम से मनाई गई।
इस अवसर पर प्रवचन करते हुए चिंतक इंद्रकुमार जैन ने कहा कि मन पर संयम रखना ही मनुष्य का उत्तम सयंम धर्म है। उन्होंने कहा कि जैन धर्म के आदर्शों को अपनाकर मनुष्य को चाहिए कि वह अपने मन, वचन और कर्म को नियंत्रित करे। तभी उत्तम सयंम धर्म का पालन सार्थक होगा।
कार्यक्रम में प्रवचन देते हुए मनोज जैन शास्त्री ने कहा कि केवल सत्य को पाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसकी सुरक्षा भी आवश्यक है। सत्य की सुरक्षा संयम के बिना संभव नहीं है। जब तक व्यक्ति अपनी इच्छाओं और इंद्रियों को नियंत्रित नहीं करता, तब तक वह नैतिक जीवन नहीं जी सकता।
उन्होंने कहा कि इंद्रियों पर नियंत्रण रखने से मनुष्य अनैतिक कार्यों से दूर रहकर समाज में अपयश से बच सकता है और सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकता है।
प्रवचन के पश्चात सुगंध दशमी के अवसर पर श्रद्धालुओं ने मंदिर में धूप आदि जलाकर भगवान से प्रार्थना की कि सम्पूर्ण संसार सुगंध और सद्भावना से परिपूर्ण रहे।