
सूरतगंज, बाराबंकी। ब्लॉक क्षेत्र सूरतगंज की तराई इलाके में बाढ़ का पानी भले ही स्थिर हो गया हो, लेकिन हेतमापुर इलाके के सुंदर नगर, कोड़री, सरसण्डा, ललपुरवा, बेलहरी, केदारीपुर, सकतापुर, गड़रियन पुरवा, उधिया, बाबा पुरवा, बलईपुर, मदरहा सहित कई गांवों में पानी घिरा हुआ है। इससे ग्रामीणों का जीवन प्रभावित हो गया है और उन्हें भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि उनके घरों में पानी घुस गया है और प्रशासन का सहयोग निरीक्षण तक सीमित है। उन्हें अब तक कोई राहत या मदद नहीं मिली है। बाढ़ के कारण मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना भी मुश्किल हो गया है। कई परिवार नाव के सहारे सुरक्षित स्थानों तक पहुंचे हैं और वहां तिपाल तानकर जुग्गियां बना कर रह रहे हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि लंच पैकेट और पालतू मवेशियों के लिए उचित व्यवस्थाओं का अभाव है। ग्रामीणों का कहना है कि तहसील प्रशासन भले ही जिम्मेदारी निभाने की कोशिश कर रहा हो, लेकिन जमीनी हालात में यह नजर नहीं आता। कोडरी गांव के छंगा लाल गौतम और बबलू शुक्ला सहित अन्य ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा उन्हें बताया जा रहा है कि यह बाढ़ का पानी नहीं बल्कि सामान्य बरसात का पानी है। उन्हें कहा गया कि जब वास्तविक बाढ़ आएगी तभी राहत मिलेगी।
ग्रामीणों का कहना है कि स्थायी उपाय और राहत व्यवस्था की आवश्यकता है। घरों में पानी और मवेशियों की स्थिति नियंत्रण से बाहर है, जिससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।